जम्मू और कश्मीर

जम्मू-कश्मीर में अफगानिस्तान से मिल रही हैं आतंकियों को गोलियां, भारतीय सेना ने जवानों के लिए मंगाई नई बुलेटप्रूफ जैकेट

Renuka Sahu
5 May 2022 2:44 AM GMT
Terrorists are getting bullets from Afghanistan in Jammu and Kashmir, Indian Army has asked for new bulletproof jackets for the soldiers
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फाइल फोटो 

कश्मीर घाटी में कुछ आतंकियों द्वारा अमेरिकी कवच भेदी गोलियों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसको देखते हुए सेना ने नई बुलेटप्रूफ जैकेट मंगा रही है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कश्मीर घाटी में कुछ आतंकियों द्वारा अमेरिकी कवच भेदी गोलियों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसको देखते हुए सेना ने नई बुलेटप्रूफ जैकेट मंगा रही है। अभी सेना लेवल 3 जैकेट का इस्तेमाल कर रही है और जल्द ही उसे अब लेवल 4 जैकेट मिल जाएंगी।

नई दिल्ली, एएनआइ: कश्मीर घाटी में कुछ आतंकियों द्वारा अमेरिकी कवच भेदी गोलियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसको देखते हुए सेना ने नई बुलेटप्रूफ जैकेट मंगा रही है। अभी सेना लेवल 3 जैकेट का इस्तेमाल कर रही है और जल्द ही उसे अब लेवल 4 जैकेट मिल जाएंगी।
अफगानिस्तान से मिल रही हैं आतंकियों को गोलियां
जम्मू-कश्मीर के आतंकियों को ये घातक गोलियां अफगानिस्तान से मिल रही हैं, जिन्हें अमेरिकी सेना वहां छोड़ गई हैं। सेना के जवान अभी जिस बुलेटप्रूफ जैकेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये गोलियां आसानी से भेद दे रही हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि आतंकियों द्वारा कनाडा निर्मित नाइट साइट्स का भी इस्तेमाल किया जा रहा है जो नाटो सैनिकों द्वारा अफगानिस्तान में छोड़ दिया गया था। सूत्रों ने यह भी बताया कि अप्रैल में सेना के कमांडर कांफ्रेंस में शीर्ष अधिकारियों ने इस मुद्दे पर चर्चा की थी। सूत्रों ने बताया कि बुलेटप्रूफ जैकेट के साथ ही सेना इस नए खतरे से निपटने के उपाय भी तलाशने में जुट गई है।
निश्चित स्तर तक सुरक्षा देने में सक्षम जैकेट
जानकारी के मुताबिक आर्मर-पियर्सिंग बुलेट या स्टील कोर बुलेट एक निश्चित स्तर के जैकेट द्वारा गोलियों के खिलाफ प्रदान की गई सुरक्षा को भंग कर सकते हैं और आपरेशन में शामिल सैनिकों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। भारतीय सेना ने भी इन गोलियों से खतरे का मुकाबला करने के लिए उपचारात्मक उपाय करना शुरू कर दिया है। साथ ही यह अनुमान पहले ही लगाया गया था कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों द्वारा छोड़े गए हथियारों का इस्तेमाल आतंकवादी समूहों द्वारा भारत में हिंसा करने के लिए किया जाएगा।
भारी मात्रा में अमेरिकी सेना ने पीछे छोड़ा सामान
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सेना ने करीब 7-8 बिलियन अमरीकी डालर के हथियार और उपकरण अफगानिस्तान में छोड़े थे। जिनमें हेलीकाप्टर, पैदल सेना के लड़ाकू वाहन, संचार उपकरण और अन्य हथियार शामिल हैं। इसका अधिकांश हिस्सा तालिबान ने अपने कब्जे में ले लिया है जबकि छोटे इस्लामी आतंकवादी संगठनों ने भी इस हथियार को अपने कब्जे में ले लिया है और उनका इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के पास अमेरिकी मूल की एम-16 असाल्ट राइफलें और एम-4ए कार्बाइन मिली हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि अमेरिकी सैनिकों ने अफगानिस्तान में इस प्रकार की 6.5 से अधिक राइफलों को अपने जल्दबाजी में बाहर निकलने के दौरान पीछे छोड़ दिया है।
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