जम्मू और कश्मीर

आतंकवाद के दौर से जम्मू-कश्मीर में बंद पड़े 20 सिनेमा हॉल को फिर से खोलने की तैयारी, बादामीबाग में बनेगा मल्टीप्लेक्स

Renuka Sahu
23 May 2022 2:07 AM GMT
Preparations to reopen 20 cinema halls closed in Jammu and Kashmir due to terrorism, a multiplex will be built in Badamibagh
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फाइल फोटो 

आतंकवाद के दौर में जम्मू-कश्मीर में बंद पड़े सिनेमा हॉल को फिर से खोलने की तैयारी है। क

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आतंकवाद के दौर में जम्मू-कश्मीर में बंद पड़े सिनेमा हॉल को फिर से खोलने की तैयारी है। कम से कम 20 हॉल अगले महीने 15 जून से एक-एक कर खुलने शुरू हो जाएंगे। इसमें कश्मीर संभाग के साथ ही जम्मू में भी सिनेमाघर खोले जाएंगे। सरकार की कोशिश है कि सभी जिलों में कम से कम एक सिनेमा हॉल खुले। इस कवायद को जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के जरिये मूर्त रूप दिया जाएगा। सुरक्षा की दृष्टि से अभी नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। उप राज्यपाल के प्रमुख सचिव नीतीश्वर कुमार ने भी 20 हॉल खोले जाने की पुष्टि की है।

सरकार से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि सरकार प्रत्येक जिले में एक-एक सिनेमा हॉल खोलने की तैयारी में है। ज्यादातर फिल्म हॉल पर्यटन स्थलों पर खोले जाएंगे। आतंकवाद ग्रस्त उत्तर, दक्षिण व मध्य कश्मीर के साथ ही जम्मू में भी सिनेमा हॉल खोले जाएंगे। फिलहाल कश्मीर संभाग में एक ही सिनेमा हॉल आतंकवाद के दौर के 32 साल बाद बारामुला जिले में खुला है। यह हॉल पट्टन के हैदरबेग में सैन्य छावनी परिसर में है। सेना ने जर्जर हो चुके जोरावर हॉल सिनेमाघर की मरम्मत कर शुरू कराया है, जिसे 21 मई को दर्शकों के लिए खोला गया। सरकार ने श्रीनगर के बादामीबाग छावनी परिसर में एक मल्टीप्लेक्स बनाने की अनुमति दी है। यहां पहले एक सिनेमा हॉल हुआ करता था, लेकिन यह आतंकवाद के दौर में बंद हो गया था।
फिल्म महोत्सव में दिखाई जाएंगी 40 से 50 फिल्में
उप राज्यपाल के प्रमुख सचिव नीतीश्वर कुमार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार प्रदेश के विभिन्न जिलों में 20 सिनेमा हॉल खोलने जा रही है। लोगों खासकर युवाओं को मनोरंजन सुविधा देने के उद्देश्य से यह सारी कवायद है। इन सिनेमा हॉल में 15 से 20 जून तक आयोजित जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के तहत छह दिनों तक 40 से 50 फिल्में दिखाई जाएंगी। लंबे समय से बंद पड़े सिनेमा हॉल को भी दोबारा शुरू किया जाएगा। फिल्म महोत्सव से स्थानीय कलाकारों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही प्रसिद्ध निर्देशक, अभिनेता गायक और संगीतकारों से भी मिलने का अवसर मिलेगा।
फिल्म देखने के लिए 300 किमी दूर जम्मू आना पड़ता है
कश्मीर में सिनेमा हॉल बंद हो जाने की वजह से ज्यादातर युवाओं को पता भी नहीं है कि सिनेमा हॉल कैसा होता है और मल्टीप्लेक्स क्या है। हालांकि, वहां के युवाओं को 300 किमी दूर जम्मू आकर फिल्म देखने के अपने सपने को पूरा करना पड़ता है। घाटी के युवा जो बाहर पढ़ रहे हैं या फिर रोजी-रोजगार के सिलसिले में निकले हैं, वे ही रुपहले पर्दे का आनंद ले पाए हैं, अन्यथा घर पर टीवी और सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये ही वे अपने शौक पूरे करने को विवश हैं।
आतंकियों की धमकी से 19 सिनेमा हॉल हो गए थे बंद
जानकार बताते हैं कि आतंकवाद के दौर में घाटी में एक-एक कर 19 सिनेमा हॉल बंद हो गए थे। इनमें अकेले नौ सिनेमाघर-रीगल, पैलेडियम, खायम, फिरदौस, शाह, नाज, नीलम, शिराज व ब्रॉडवे श्रीनगर में थे। लाल चौक के पास पैलेडियम और उससे कुछ दूरी पर नीलम सिनेमाघर थे, जहां काफी भीड़ होती थी। आतंकी संगठनों की धमकियों और हमलों के कारण ये बंद होते गए। 1999 में फारूक सरकार ने रीगल, नीलम व ब्रॉडवे को खोलने की कोशिश की, लेकिन सितंबर महीने में रीगल पर ग्रेनेड हमला हुआ। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 12 लोग घायल हुए थे। हमले के बाद यह रीगल पर ताला लग गया। रीगल व ब्रॉडवे को सुरक्षा घेरे में चलाने की कोशिश की गई, लेकिन दर्शकों की संख्या में कमी आने से इन्हें बंद करना पड़ा। अनंतनाग में सेना के प्रयासों से हेवन सिनेमा घर को खोला गया, लेकिन बाद में वह भी बंद हो गया।
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