जम्मू और कश्मीर

25 लाख से अधिक अतिरिक्त बाहरियों मतदाताओं के जुड़ने की खबर, सामने आई ये जानकारी

jantaserishta.com
21 Aug 2022 5:48 AM GMT
25 लाख से अधिक अतिरिक्त बाहरियों मतदाताओं के जुड़ने की खबर, सामने आई ये जानकारी
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जम्मू-कश्मीर में 25 लाख से अधिक अतिरिक्त मतदाताओं के जुड़ने की खबरों से मचे घमासान के बीच जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा कि कुछ निहित स्वार्थों के लिए तथ्यों को गलत ढंग से पेश किया गया है। प्रशासन का कहना है कि विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया के तहत जम्मू-कश्मीर के मौजूदा निवासियों को मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा। एक अक्तूबर 2022 तक 18 वर्ष आयु पूरी करने वाले नए मतदाताओं के शामिल होने से जो आंकड़ा बढे़गा, उसमें ज्यादातर जम्मू-कश्मीर के मौजूदा निवासी ही होंगे।

विवाद होने के बाद यह स्पष्टीकरण सामने आया
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) की 'जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची में बाहरी लोगों सहित 25 लाख अतिरिक्त मतदाताओं के जोड़े जाने की संभावना' वाली टिप्पणी पर विवाद होने के बाद यह स्पष्टीकरण सामने आया है। सीईओ की टिप्पणी के बाद जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने आरोप लगाए थे कि 25 लाख बाहरी लोगाें को जम्मू-कश्मीर में मतदाता बनाकर लाया जा रहा है।
मतदाता सूचियों का विशेष पुनरीक्षण वर्ष 2011 में हुआ
सरकार ने कहा कि मतदाता सूची में वे लोग शामिल होंगे, जो जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं और एक अक्तूबर 2022 तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर लेंगे। इस प्रक्रिया में ऐसे लोगों को भी जम्मू-कश्मीर में मतदाता बनने का अवसर मिलेगा जो अपना पुराना निवास स्थान बदलकर वर्तमान में यहां रह रहे हैं। सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूचियों का विशेष पुनरीक्षण वर्ष 2011 में हुआ था, जिसमें कुल 66,00,921 मतदाता पंजीकृत थे। वर्तमान में जम्मू-कश्मीर की मतदाता सूची में 76,02,397 वोटर हैं।
नौकरियों और संपत्ति खरीद नियमों में बदलाव नहीं
सरकार ने कहा है कि प्रदेश में संपत्ति खरीदने और सरकारी नौकरियों के लिए नियमों में नया कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसी तरह से संपत्ति खरीद और सरकारी नौकरियों का मतदान अधिकार से कोई संबंध नहीं है।
कश्मीरी विस्थापितों के नियम पहले जैसे
कश्मीरी विस्थापितों के मतदान अधिकार को लेकर नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि कश्मीरी विस्थापित अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में मतदान के लिए पोस्टल बैलेट सुविधा ले सकेंगे। उन्हें पहले की तरह जम्मू, उधमपुर, दिल्ली इत्यादि से मतदान का विकल्प मिलेगा।
सीईओ के बयान के बाद सामने आया विवाद
मुख्य चुनाव अधिकारी हिरदेश कुमार ने 17 अगस्त को प्रेसवार्ता में बताया था कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर की मतदाता सूची में 20 से 25 लाख नए मतदाता जुड़ने जा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि इन नए मतदाताओं में दूसरे राज्यों के वे लोग भी होंगे जो किसी न किसी काम के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं। विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले मतदाता बन सकेंगे।
सीईओ ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में 18 वर्ष से अधिक आयु वाली अनुमानित आबादी 98 लाख है जबकि प्रदेश में पंजीकृत मतदाता 76 लाख हैं। ऐसे में हम उम्मीद कर रहे हैं कि 20 से 25 लाख नए मतदाता जुड़ेंगे, जिन्हें मतदाता पंजीकरण के लिए डोमिसाइल की जरूरत भी नहीं होगी। इसमें कर्मचारी, विद्यार्थी, श्रमिक समेत वे तमाम लोग भी मतदाता बन सकेंगे जो वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं।
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