जम्मू और कश्मीर

जम्मू-कश्मीर: गांव सुरक्षा समिति की जगह ग्राम सुरक्षा समूह योजना लागू, गृह मंत्रालय का आदेश जारी

Kunti Dhruw
3 March 2022 7:52 AM GMT
जम्मू-कश्मीर: गांव सुरक्षा समिति की जगह ग्राम सुरक्षा समूह योजना लागू, गृह मंत्रालय का आदेश जारी
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जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के दौर में हिंदुओं और अल्पसंख्यक मुस्लिमों की सुरक्षा के लिए गठित ग्राम सुरक्षा समितियों (वीडीसी) का पुनर्गठन कर दिया गया है।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के दौर में हिंदुओं और अल्पसंख्यक मुस्लिमों की सुरक्षा के लिए गठित ग्राम सुरक्षा समितियों (वीडीसी) का पुनर्गठन कर दिया गया है। इसका नाम बदलकर ग्राम सुरक्षा समूह (वीडीजी) कर दिया गया है। साथ ही इसके सदस्यों को गार्ड नाम दिया गया है। गृह मंत्रालय ने पुनर्गठन संबंधी आदेश जारी करते हुए समूह के मुखिया और सदस्यों के वेतनमान भी निर्धारित कर दिए हैं।

जिलों के पुलिस प्रमुख के सीधे नियंत्रण में करेंगे काम
गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि संवेदनशील इलाकों में वीडीजी का मुखिया और समन्वय करने वाले को साढ़े चार हजार रुपये तथा उसमें शामिल गार्डों को चार हजार रुपये प्रति महीन भुगतान किया जाएगा। इन सभी को संबंधित जिलों के पुलिस प्रमुख के सीधे नियंत्रण में काम करना होगा।
योजना के बारे में हाईकोर्ट को सूचना देने के बाद ही प्रभावी माना जाएगा
आदेश में कहा गया है कि संशोधित योजना के बारे में हाईकोर्ट को सूचना देने के बाद ही प्रभावी माना जाएगा। वीडीजी में रिक्त पदों को भरने का फैसला बाद में किया जाएगा। मंत्रालय के अनुसचिव इप्शिता पॉल की ओर से जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर प्रदेश में संशोधित योजना ग्राम सुरक्षा समूह को लागू करने की जानकारी दी गई है।
तीन एसपीओ का वेतन बंटता था सदस्यों में
प्रत्येक वीडीसी में तीन एसपीओ (स्पेशल पुलिस अफसर) होते थे। इन्हें अनुभव और सेवा कार्यकाल के आधार पर छह से 18 हजार तक वेतन भुगतान होता रहा है। इन तीनों के वेतन वीडीसी सदस्यों में बांटे जाते थे। लेकिन बाद के दिनों में एसपीओ ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि वे अपने वेतन का हिस्सा अन्य सदस्यों में नहीं बांटेंगे। इसके बाद सदस्यों को वेतन संबंधी दिक्कतें आने लगीं।
जम्मू संभाग के सभी जिलों में आतंकवाद के दौर में हुआ था गठन
आतंकवाद के दौर में जम्मू संभाग के सभी जिलों में वीडीसी का गठन किया गया था। सबसे पहले चिनाब वैली में वीडीसी का गठन किया गया था ताकि दूरदराज के पहाड़ी इलाकों में हिंदुओं की आतंकियों से रक्षा की जा सके। तत्कालीन डीजीपी डॉ. एसपी वैद ने एसपी रहते हुए 1995 में पहली वीडीसी का गठन उधमपुर के बगनकोट गांव में किया था। यह गांव अब रियासी जिले में है।
एक दिन पहले वीडीसी सदस्य मिले थे गृह मंत्री से
मंगलवार को नई दिल्ली में वीडीसी और ढोक सुरक्षा समिति (डीडीसी) के प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा प्रदेश महामंत्री सुनील शर्मा के नेतृत्व में गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर बताया था कि उन्हें नियमित रूप से मानदेय का भुगतान न होने की वजह से उनके समक्ष आर्थिक परेशानियां आ रही हैं।
दो साल से मानदेय का बिल्कुल भी भुगतान नहीं हुआ है। नियमितीकरण की आस में कई सदस्य सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। कई सदस्यों ने परेशान होकर पद भी छोड़ दिया है। गृह मंत्री ने उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने का भरोसा दिया था. लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा किया गया है। ग्राम सुरक्षा समूह गठन का आदेश जारी करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का आभार। - डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय मंत्री


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