जम्मू और कश्मीर

जम्मू-कश्मीर : नई शिक्षा नीति 2020 के तहत पीजी कॉलेजों में पीएचडी करवाने की तैयारी, शिक्षा विभाग ने दी मंजूरी

Renuka Sahu
17 Jan 2022 3:38 AM GMT
जम्मू-कश्मीर : नई शिक्षा नीति 2020 के तहत पीजी कॉलेजों में पीएचडी करवाने की तैयारी, शिक्षा विभाग ने दी मंजूरी
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फाइल फोटो 

नई शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षा विभाग अब प्रदेश के कई सरकारी कॉलेजों में पीएचडी करवाने की तैयारी कर रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षा विभाग अब प्रदेश के कई सरकारी कॉलेजों में पीएचडी (डॉक्टरेट) करवाने की तैयारी कर रहा है। शिक्षा विभाग ने इस बारे में एक जनवरी को मंजूरी दे दी है।

विश्व विद्यालयों की तरह जम्मू संभाग के जीजीएम साइंस कॉलेज जम्मू, महिला कॉलेज परेड जम्मू, महिला कॉलेज गांधीनगर जम्मू, गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ एजुकेशन जम्मू, जीडीसी उधमपुर, जीडीसी डोडा, जीडीसी राजोरी और कश्मीर संभाग के प्रताप कॉलेज श्रीनगर, डिग्री कॉलेज बारामुला, गवर्नमेंट कॉलेज फार वुमेन श्रीनगर, एस कॉलेज श्रीनगर, एएएम कॉलेज बेमीना, इस्लामिया कॉलेज ऑफ साइंस एंड कॉमर्स श्रीनगर, गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वुमेन नवाकदल, गवर्नमेंट कॉलेज बारामुला (ब्वॉयज), गवर्नमेंट कॉलेज वुमेन बारामुला, गवर्नमेंट कॉलेज सोपोर (ब्वॉयज), गवर्नमेंट कॉलेज अनंतनाग (ब्वॉयज), गवर्नमेंट कॉलेज अंतनाग वुमेन और गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज (ब्वॉयज) को पीएचडी कोर्स के लिए प्रथम श्रेणी में रखा गया है।
इसके अलावा प्रदेश के बाकी डिग्री कॉलेजों में स्नातक (यूजी) व परास्नातक (पीजी) के कोर्स शुरू किए जाएंगे। कॉलेजों में मूलभूत ढांचे के आधार पर पीएचडी करवाने की अनुमति दी जाएगी।
उच्च शिक्षा विभाग ने संबंधित कॉलेजों के अधिकारियों से पीएचडी के लिए प्रस्ताव मांगा था। जिन कॉलेजों से विभाग ने प्रस्ताव मांगे थे। उन्हीं कॉलेजों के नाम सूची में शामिल किए गए हैं। यह पहल प्रदेश के युवाओं के लिए लाभदायक होगी।
सिर्फ विवि में था पीएचडी का प्रावधान
इससे पहले प्रदेश के जम्मू विवि, स्कॉस्ट जम्मू, केंद्रीय विवि जम्मू, केंद्रीय विवि कश्मीर, स्कॉस्ट कश्मीर और कश्मीर विवि में पीएचडी करवाई जाती है। जेयू और कश्मीर विवि के अधीन सभी कैंपसों में भी पीएचडी का पूरा प्रवाधान नहीं है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अधिकांश युवा अन्य राज्यों से आते थे। नेट, जेआरएफ की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी युवाओं को शोध करने का अवसर नहीं मिलता है। अब कॉलेजों में भी शोधार्थी शोध कर सकेंगे। विवि अनुदान आयोग की तरह नेट, जेआरएफ करने वालों को छात्रवृत्ति मिलेगी।
पीएचडी के लिऐ कई कॉलेजों से प्रस्ताव मांगे थे। कुछ कॉलेज छूट गए हैं। विभाग तमाम स्थितियों को ध्यान में रखते हुए किन-किन कॉलेजों में किस विषय में शोध करवाया जा सकता है, उन्हें मंजूरी दी जाएगी।
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