जम्मू और कश्मीर

जम्मू-कश्मीर: सेना के दिवंगत पायलट के पिता का राष्ट्रपति कोविंद को पत्र, लिखा यह बात

Kunti Dhruw
16 Jan 2022 1:05 PM GMT
जम्मू-कश्मीर: सेना के दिवंगत पायलट के पिता का राष्ट्रपति कोविंद को पत्र, लिखा यह बात
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जम्मू-कश्मीर में पिछले साल हुए एक हादसे में जान गंवाने वाले सेना के पायलट के पिता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखा है।

जम्मू-कश्मीर में पिछले साल हुए एक हादसे में जान गंवाने वाले सेना के पायलट के पिता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने अनुरोध किया है कि सेना के सभी पायलटों के लिए पानी के अंदर बचने का प्रशिणक्ष अनिवार्य किया जाए और उन्हें जरूरी जीवन रक्षक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।

राष्ट्रपति को यह पत्र हरीश चंद्र जोशी ने लिखा है। वह आर्मी एविएशन की 254 सक्वाड्रन के कैप्टन जयंत जोशी के पिता हैं। आर्मी एविएशन के रुद्र वेपन सिस्टम एकीकृत हेलिकॉप्टर के पायलट कैप्टन जयंत की मौत तीन अगस्त 2021 को रणजीत साहर बांध के ऊपर उनके हेलिकॉप्टर के हादसे का शिकार हो जाने से हुई थी।
यह हादसा तब हुआ था जब कैप्टन जयंत और एक टेस्ट पायलट व एविएशन इंस्ट्रक्टर लेफ्टिनेंट कर्नल एएस बठ 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले बांध के ऊपर दुश्मन पर निशाना लगाने का और एकीकृत हथियारों को तैनात करने का अभ्यास कर रहे थे। इस दुर्भाग्यपूर्ण हेलिकॉप्टर हादसे में दोनों अधिकारियों की मौत हो गई थी।
'हादसे ने उजागर कीं कई खामियां'
जोशी ने अपने पत्र में लिखा है, इस हादसे ने उन सुरक्षा प्रक्रियाओं में कई खामियों को उजागर किया है जिनका आर्मी एविएशन में पालन किया जाता है। इसने आर्मी एविएशन के मामलों के लिए जिम्मेदार लोगों के बीच पायलट सुरक्षा और प्रशिक्षण आवश्यकताओं के मामले में उदासीनता और उपेक्षा का रवैया भी प्रकट किया है।
रक्षा सचिव के पास भेजा गया पत्र
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार जोशी का कहना है कि राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से इस पत्र को रक्षा सचिव के पास भेज दिया गया है। जोशी ने सवाल किया कि अगर रुद्र हेलिकॉप्टर दुश्मन की पकड़ में न आने के लिए निचली उड़ानें भरने के लिए है तो वह पानी के ऊपर उड़ान किसलिए भर रहा था। उन्होंने कहा, 'मेरा सवाल यह है कि अगर रुद्र हेलिकॉप्टर पानी के ऊपर उड़ने के लिए नहीं बना है तो स्क्वाड्रन के हेलिकॉप्टरों को क्यों नियमित तौर पर पानी के ऊपर उड़ान भरने के लिए भेजा जा रहा था?' जोशी ने कहा कि नियमित तौर पर पानी के ऊपर उड़ान भरने के लिए पायलट को विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।


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