जम्मू और कश्मीर

जम्मू-कश्मीर : पुलवामा में सुरक्षा बलों के हत्थे चढ़े जैश आतंकियों का मॉड्यूल नियंत्रित करता था अजहर का भाई रऊफ, पाक से देता था निर्देश

Renuka Sahu
31 Jan 2022 3:22 AM GMT
जम्मू-कश्मीर : पुलवामा में सुरक्षा बलों के हत्थे चढ़े जैश आतंकियों का मॉड्यूल नियंत्रित करता था अजहर का भाई रऊफ, पाक से देता था निर्देश
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फाइल फोटो 

पुलवामा में सुरक्षा बलों के हत्थे चढ़े जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों का मॉड्यूल कुख्यात आतंकी अजहर मसूद के भाई मौलाना रउफ अजहर के इशारे पर काम करता था। इ

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पुलवामा में सुरक्षा बलों के हत्थे चढ़े जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों का मॉड्यूल कुख्यात आतंकी अजहर मसूद के भाई मौलाना रउफ अजहर के इशारे पर काम करता था। इस ग्रुप को पाकिस्तान के शक्करगढ़ और कोटली कैंप से निर्देश मिलते थे।

खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की ओर से लगातार घाटी में अशांति की कोशिशें की जा रही हैं। दक्षिणी कश्मीर में सक्रिय जैश सरगना जाहिद वानी और पाकिस्तानी आतंकी काफिर उर्फ छोटा पाकिस्तानी को सीमा पार से लगातार दिशा-निर्देश मिलते थे। शक्करगढ़ तथा कोटली कैंप से लगातार इस मॉड्यूल को टारगेट के बारे में जानकारी दी जाती थी।
यह सब जैश आतंकी कारी जरार और मौलाना रउफ अजहर की देखरेख में होता था। इस मॉड्यूल को आईईडी हमले के लिए निर्देश दिए जाते थे ताकि भारी नुकसान हो सके। जाहिद आईईडी का एक्सपर्ट भी था और घाटी में 2017 से हुए आईईडी हमलों के पीछे उसका ही दिमाग था। घाटी में सक्रिय जैश कमांडर लंबू और समीर डार के बाद उसे संगठन की कमान सौंपी गई थी। वह कट्टर था।
इस वजह से सीमा पार से उसकी कट्टरता का लाभ उठाने के लिए सीधे संपर्क साधा गया। सूत्रों के अनुसार सुरक्षा बलों की सख्ती बढ़ने के बाद जब स्थानीय आतंकियों ने किनारा करना शुरू किया तो सीमा पार के निर्देश पर पाकिस्तानी आतंकियों को मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी दी गई। पाकिस्तानी दहशतगर्द अपने स्थानीय भरोसेमंद साथियों के साथ मिलकर साजिशें करने लगे।
मॉड्यूल को सीमा पार से हथियारों की भी आपूर्ति
सूत्रों का कहना है कि इस मॉड्यूल को सीमापार से अत्याधुनिक असलहों की आपूर्ति भी सुनिश्चित कराई जाती थी। इसके लिए कई रास्ते अपनाए जाते थे। ड्रोन के साथ ही पंजाब के जरिये हथियारों को तस्करी कर घाटी तक पहुंचाया जाता था। मुठभेड़ स्थल से नाइट विजन से लैस अमेरिका निर्मित एम-4 राइफल की बरामदगी इस बात का साफ इशारा करती है कि बिना पाकिस्तान के सहयोग से यह हथियार घाटी तक नहीं पहुंच सकते थे।
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