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भारत- चीन सीमा विवाद: जनरल मनोज पांडे ने कहा- सीमा विवाद को लंबा खींचना चाहता है चीन, यथास्थिति बदलने नहीं देगी सेना
jantaserishta.com
9 May 2022 4:58 PM GMT
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नई दिल्ली: चीन के साथ संबंधों का आधार आखिरकार पूरे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मौजूदा सीमा विवाद का निपटारा ही है। लेकिन चीन की नीयत इसे लंबा खींचने की है। सेना के नए प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने स्पष्ट कहा, सेना उत्तरी सीमा पर यथास्थिति बदलने नहीं देगी। विवाद का निपटारा एकतरफा नहीं हो सकता। इसे बातचीत के जरिये ही सुलझाया जा सकता है।
जनरल पांडे ने चीन पर मीडिया के साथ बातचीत में कहा, चीन के साथ संबंध सुचारू करने के लिए पूरा देश और विभिन्न एजेंसियां कई स्तर पर काम कर रहे हैं। जहां तक सेना का सवाल है वह एलएसी पर यथास्थिति को किसी भी कीमत पर नहीं बदलने देगी। सेना पूर्वी लद्दाख समेत पूरे एलएसी के अहम सामरिक ठिकानों पर अपना दबदबा कायम रखे हुए है। ताकि यथास्थिति बदलने की किसी भी कोशिश को नाकाम किया जा सके। अच्छी बात यह है कि पूर्वी लद्दाख को लेकर कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत जारी है। इसी बातचीत के जरिये पेंगांग, गोगरा और गलवान में दोनों पक्ष पीछे हटने में कामयाब हुए। बाकी विवादित जगहों पर बातचीत जारी है।
सीमा पर फौज की पर्याप्त तैनाती
एक सवाल के जवाब में सेना प्रमुख ने कहा, सीमा पर फौज की पर्याप्त तैनाती, उत्तम तकनीक से लैंस हथियार व सैन्य उपकरण और दांव पेंच में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं। ताकि किसी भी हालात से निपटा जा सके। सेना प्रमुख के मुताबिक दुनिया के भू-राजनितक स्थिति में लगातार बदलाव हो रहे हैं और सेना उसी हिसाब से अपनी योजना पर काम कर रही है।
रूस युक्रेन युद्ध का बारीकी से अध्ययन जारी
जनरल पांडे ने कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है। इस युद्ध से तीन बातें साफ हुई हैं। पहला कि युद्ध का तरीके में कई बदलाव की गुंजाइश के बावजूद परंपरागत युद्ध की संभावना हमेशा बनी रहेगी। दूसरा, यह जरूरी नहीं कि युद्ध छोटी अवधि का और त्वरित हो। किसी भी देश को लंबे युद्ध के लिए तैयार रहना होगा। तीसरा, युद्ध के लिए आत्मनिर्भर होना ही सबसे उत्तम पॉलिसी है। सेना प्रमुख ने उम्मीद जताई कि इस युद्ध की वजह से अफगानिस्तान और भारत प्रशांत क्षेत्र में भारत के उद्देश्यों पर असल नहीं पड़ेगा।
आत्मनिर्भरता पर जोर
सेना प्रमुख ने आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा, भारत हवाई सुरक्षा, आर्टरी गन और टैंक आदि के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहा है। लेकिन सरकार की मेक इन इंडिया पॉलिसी के तहत स्थिति काफी तेजी से बदल रही है। आने वाले कुछ दिनों के लिए संभव है कि आपूर्ति में थोड़ी दिक्कत हो। लेकिन हालात पूरी तरह काबू में है। मेक इन इंडिया को गेम चेंजर करार देते हुए जनरल पांडे ने कहा, देश की सुरक्षा को लेकर निजी कंपनियों की बड़ी भूमिका सामने आने जा रही है। सरकार ने उन्हें शोध और विकास (आरएंडडी) में अहम भागेदार बना कर आत्मनिर्भरता की तरफ अहम कदम उठाया है।
थियेटर कमान की दिशा में तेजी से हो रहा काम
जनरल पांडे ने बताया कि संयुक्त थियेटर कमान को मूर्त रूप देने की दिशा में ठोस काम चल रहा है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के तहत काम करने वाली डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर (डीएमए) ने कई जटिल मसलों को निपटाकर उसे अंतिम चरण तक पहुंचा दिया है। थल सेना इसको लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस दिशा में फैसला उचित समय पर लिया जाएगा।
घुसपैठ पर नकेल के बाद भी बाज नहीं आ रहा पाक
सेना प्रमुख ने कहा, हालांकि भारत पाक सीमा पर घुसपैठ पर नकेल कसने के बाद यह ना के बराबर रह गया है। लेकिन पाकिस्तान की तरफ से स्थानीय छद्म तंजीमों का इस्तेमाल कर कश्मीर से हालात को स्थानीय समस्या साबित करने का हथकंडा चलाया जा रहा है। इसके लिए गैर कश्मीरी और अल्पसंख्यकों को निशान बनाया जा रहा है। लेकिन पाकिस्तान की यह चाल ज्यादा लंबा नहीं चल पाएगा। सेना समेत पूरी सुरक्षा तंत्र इसके रोकने के लिए काम कर रहे हैं।
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