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भारत सरकार | लीथियम खनन पर तीन फीसदी की दर से रॉयल्टी तय करने की योजना पर विचार कर रही है। दो सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए खनन कंपनियों को लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में प्रचलित कीमतों के तीन प्रतिशत पर लिथियम निकालने के लिए भुगतान करना होगा। भारत लिथियम की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए काफी प्रयास कर रहा है।
लिथियम इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी बनाने के लिए बेहद अहम हैं। फरवरी में केंद्र शासित जम्मू और कश्मीर में भारत में पहला लिथियम का भंडार मिला है। उम्मीद है कि सरकार इस साल के अंत में 5.9 मिलियन टन के अनुमानित भंडार के लिथियम ब्लॉकों की नीलामी कर सकती है।
सूत्रों ने बताया कि अदाणी एंटरप्राइजेज, वेदांता लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, हिमाद्री केमिकल्स और कोरिया की एलएक्स इंटरनेशनल जैसी कम से कम एक दर्जन भारतीय और विदेशी कंपनियों के नीलामी में हिस्सा लेने की संभावना है।
खान मंत्रालय की तरफ से अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। सूत्रों ने कहा कि भारत ने पूर्व में भी एलएमई के आधार पर बॉक्साइट खनन के लिए रॉयल्टी दर तय की हैं। एजेंसीसूत्रों के मुताबिक, लिथियम खनन से प्राप्त रॉयल्टी का भुगतान जम्मू और कश्मीर के स्थानीय प्रशासन को किया जाएगा। यह देश की पहली लिथियम ब्लॉक की नीलामी की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। भारत का संघीय खान मंत्रालय रॉयल्टी दरों को तय करता है, लेकिन राजस्व राज्य सरकारों या संघ प्रशासित क्षेत्रों में जाता है।