जम्मू और कश्मीर

घाटी के युवा पीढ़ी को खोखला कर रहा नशे की लत, दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है कारोबार

Renuka Sahu
26 Jun 2022 5:08 AM GMT
Drug addiction is hollowing out the young generation of the valley, business is growing at double the speed
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फाइल फोटो 

जम्मू-कश्मीर में नशा युवाओं को तेजी से खोखला कर रहा है। हर साल लगभग दोगुनी रफ्तार से नशा तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जम्मू-कश्मीर में नशा युवाओं को तेजी से खोखला कर रहा है। हर साल लगभग दोगुनी रफ्तार से नशा तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले 2 सालों पर नजर डालें तो आंकड़े साफ बताते हैं कि जम्मू कश्मीर में नशा किस कदर बढ़ा है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में नशा तस्करी के 1228 मामले दर्ज हुए, इनमें 1812 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 2021 में मामले दर्ज होने का आंकड़ा 1228 से बढ़कर 1687 हो गया जबकि गिरफ्तार होने वाले आरोपियों की संख्या 1812 से बढ़कर 2369 हो गई।

जानकारी के अनुसार 2020 में 673 किलो चरस पकड़ी गई जबकि 2019 में सिर्फ 393 किलो चरस पकड़ी गई थी। सबसे बड़ी बात यह है कि 2021 में यह आंकड़ा 941 किलो हो गया। इसी तरह 2019 में 70 किलो, 2020 में 128 किलो और 2021 में 198 किलो हेरोइन पकड़ी गई थी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्ष 2022 के पहले तीन माह में 61 किलो हेरोइन पकड़ी गई है जबकि 2021 में पहले तीन माह में सिर्फ 6 किलो हेरोइन पकड़ी गई थी। 2020 में 21 किलो गांजा पकड़ा गया था जबकि 2021 में 164 किलो पकड़ा गया। यह आंकड़े इस बात का सबूत है कि जम्मू-कश्मीर में नशा किस कद्र बढ़ रहा है
आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक हुआ नारको आतंकवाद
जानकारी के अनुसार पाकिस्तान अब आतंकियों के साथ नशे की घुसपैठ भी करवा रहा है। पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में मौजूद पुराने नशा तस्करों के साथ मिलकर सीमा पार से बड़े पैमाने पर नशा भेज रहा है। इसके लिए उन रूट का इस्तेमाल किया जा रहा है जहां से पहले आतंकी घुसपैठ करते थे। वर्ष 2021 में सीमा पार से 300 किलो हेरोइन भेजी गई, जबकि वर्ष 2022 में अब तक 200 किलो से ज्यादा हेरोइन भेजी जा चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय सीमा के जम्मू, सांबा, कठुआ सेक्टर से हेरोइन भेजी गई है जबकि एलओसी के राजोरी, पुंछ, कुपवाड़ा, बारामुला, बांदीपोरा से हेरोइन भेजी जा रही है। हेरोइन की तस्करी के लिए पाकिस्तान ओजी वर्करों का इस्तेमाल भी कर रहा है जिनके जरिए नशा तस्करी करवा कर आतंकियों के लिए फंड जुटाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार एलओसी से सटे 200 ऐसे गांव हैं जहां पर सीमा पार बैठे आतंकियों के तार जुड़े हैं इनके जरिए वह हेरोइन और गांजे की तस्करी करवा रहे हैं।
हर साल 500 नए मामले सामने आ रहे
जानकारी के अनुसार जम्मू में हर साल 500 से ज्यादा युवक-युवतियां नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। जम्मू के नशा मुक्ति केंद्र में 500 युवाओं का इलाज चल रहा है इनमें कई सारी लड़कियां भी है।ं जानकारी के अनुसार नशा करने वालों में बड़े घरों के बच्चे शामिल हैं। इनमें सबसे ज्यादा हेरोइन के आदी हैं।
इन इलाकों में परोसा जा रहा सबसे ज्यादा नशा
जानकारी के अनुसार बिहार, उड़ीसा, बंगाल, छत्तीसगढ़ के तस्कर बिहार और बंगाल से चरस व गांजा लाकर जम्मू में बेच रहे हैं। ये तस्कर सबसे ज्यादा शहर के कासिम नगर, राजीव नगर, त्रिकुटा नगर, बाग ए बाहु क्षेत्र में सक्रिय हैं।
नशा तस्करों के निशाने पर छात्र व अमीर लोग
शहर के स्कूल, कॉलेज और बड़े घरों के बच्चों को निशाना बनाकर हेरोइन की तस्करी की जा रही है। सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए ग्रुप बनाकर कोड वर्ड में इसे बेचा जा रहा है। शहर के होटलों, क्लबों, रेस्तरां और पबों में होने वाली पार्टियों में इसका चलन है। इन जगहों पर भी हेरोइन को बेचा जा रहा है।
अपराधी भी बना रहा नशा
जम्मू जिले में पिछले एक साल में चोरी की वारदातों में पकड़े गए 60 से अधिक युवाओं की केस हिस्ट्री कहती है कि वह हेरोइन और चरस-गांजा के आदी हैं। वह नशे की लत पूरी करने के लिए चोरी करने पर भी उतारू हो जाते हैं
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