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जम्मू और कश्मीर
डीजीपी दिलबाग सिंह बोले- हथियार भेजकर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जिंदा रखने का प्रयास कर रहा है पाकिस्तान
Renuka Sahu
26 Feb 2022 1:49 AM GMT
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फाइल फोटो
पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन के जरिये लगातार हथियार व नशे का सामान भेज कर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को फिर से जिंदा करने का प्रयास किया जा रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन के जरिये लगातार हथियार व नशे का सामान भेज कर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को फिर से जिंदा करने का प्रयास किया जा रहा है। सुरक्षा बल पाकिस्तान की हर साजिश को लगातार विफल कर रहे हैं। वे पाकिस्तान की हर नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। यह बात जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने उधमपुर में आयोजित एक प्रेसवार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि घुसपैठ व ड्रोन के जरिये हथियार गिरा कर पाकिस्तान अपनी साजिशें रचता रहा है। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर की शांति को भंग करने का लगातार प्रयास कर रहा है। जम्मू-कश्मीर में दम तोड़ते आतंकवाद को जिंदा रखने का प्रयास किया जा रहा है। इसी प्रयास में ड्रोन से और सुरंगों से दहशतगर्द मौत का सामान भेजने की कोशिशें करते रहते हैं। लेकिन, प्रदेश की पुलिस व सुरक्षा बल बहुत ही सतर्कता से उसकी कोशिशों को विफल कर रहे हैं।
डीजीपी ने कहा कि पुलिस व सुरक्षा बल बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। कल ही ड्रोन से पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तोएबा ने गोला बारूद, आईडी, ग्रेनेड व अन्य कई सामान भेजने का प्रयास किया, लेकिन इसको विफल कर दिया गया। पहली बार एक केमिकल भी भेजा गया है। केमिकल के बारे में पता लगाया जा रहा है।
नशीले पदार्थों की कमाई से आतंकियों की हो रही फंडिंग
डीजीपी ने कहा कि पाकिस्तान ड्रोन से हथियार गिराकर माहौल को खराब कर रहा है। इसके अलावा बहुत सा सामान कश्मीर के अलग अलग स्थानों से भेजा जा रहा है। दो वर्ष से देखा जा रहा है, कि हथियारों के साथ नशीला पदार्थ ज्यादा मात्रा में भेजा जा रहा है। इसकी कमाई से जो पैसा मिल रहा है, उसको आतंकवाद की फंडिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
वर्ष 2021 में मारे गए 182 आतंकी
जम्मू कश्मीर में वर्ष 2021 में 182 आतंकवादियों को मारा गया है, और तीन सौ से अधिक को हथियारों के साथ पकड़ा गया है। ज्यादा हथियार भेज कर ज्यादा आतंकी तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन, इसको पुलिस कामयाब नहीं होने देगी। इन हथियारों को आतंकियों तक पहुंचने से पहले ही पकड़ा जा रहा है। अगर ये हथियार आतंकियों तक पहुंच जाएं तो ज्यादा नुकसान हो सकता है। ज्यादा दहशत का माहौल बन सकता है। ज्यादा सामान पकड़ा जाता है तो पाकिस्तान इसकी कमी को पूरा करने के लिए ज्यादा हथियार भेजने का प्रयास करता है। लेकिन, इसको फिर से नाकाम कर दिया जाता है।
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