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जम्मू और कश्मीर
जम्मू-कश्मीर में उपभोक्ताओं को लग सकता है झटका, 18 फीसदी तक महंगी हो सकती है बिजली, वितरण निगम ने दरें बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा
Renuka Sahu
8 May 2022 1:24 AM GMT
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फाइल फोटो
बिजली संकट जैसे हालात के बीच जम्मू-कश्मीर के उपभोक्ताओं को बिजली की महंगाई का झटका लग सकता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिजली संकट जैसे हालात के बीच जम्मू-कश्मीर के उपभोक्ताओं को बिजली की महंगाई का झटका लग सकता है। विद्युत विभाग ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत करने वाले परिवारों (बीपीएल) को छोड़ अन्य सभी वर्गों में बिजली के प्रति यूनिट रेट में औसतन 18 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। संयुक्त विद्युत नियामक आयोग जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के इस प्रस्ताव पर फैसला लेते ही नई दरें लागू हो जाएंगी। विभाग एक अप्रैल 2022 से ही बिजली किराया बढ़ोतरी करना चाहता है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गत वित्त वर्ष में बिजली विभाग ने 2946 करोड़ में बिजली खरीदी, लेकिन बिजली किराये से 1476 करोड़ का राजस्व ही हासिल हुआ। इसके अलावा बिजली ढांचा मरम्मत, कर्मचारियों के वेतन व अन्य खर्चे मिलाकर विभाग को राजस्व के मामले में 2003 करोड़ का घाटा हुआ है।
ऐसे में औसतन 18 फीसदी बिजली किराया बढ़ोतरी का प्रस्ताव संयुक्त विद्युत नियामक आयोग को भेजा गया गया है। इससे विभाग के राजस्व में करीब 412 करोड़ की बढ़ोतरी होगी। प्रस्ताव में गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत करने वाले परिवारों के लिए पहले की तरह बिजली प्रति यूनिट 1.25 रुपये ही रखी गई है।
100 यूनिट तक दो रुपये, 400 तक पांच रुपये प्रति यूनिट
मीटर लगे इलाकों में 100 यूनिट तक का पहले किराया 1.69 रुपये प्रति यूनिट प्रति माह था जिसे बढ़ाकर दो रुपये किया जा सकता है। 400 यूनिट तक का किराया पहले 3.52 रुपये प्रति यूनिट था जिसे बढ़ाकर पांच रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है।
बिना मीटर लगे इलाकों में एक किलोवाट से लेकर दो किलोवाट तक का किराया पहले 650 रुपये था जिसे बढ़ाकर 800 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव है। औद्योगिक क्षेत्रों में एलटी बिजली आपूर्ति वाले क्षेत्रों में प्रति किलोवाट का किराया पहले 3.30 रुपये प्रति यूनिट था जिसे बढ़ाकर 5.10 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव किया गया है। एचटी औद्योगिक आपूर्ति वाले क्षेत्रों में पहले किराया 3.30 रुपये प्रति यूनिट था, वहां 4.50 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव किया गया है।
बिजली विभाग को राजस्व में भारी घाटा हो रहा है। ऐसे में बिजली किराया बढ़ोतरी के प्रस्ताव को याचिका के रूप में संयुक्त विद्युत नियामक आयोग जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के समक्ष रखा गया है। विभाग चाहता है कि एक अप्रैल 2022 से बिजली किराया बढ़ोतरी की नई दरें लागू हों, लेकिन इसका अंतिम फैसला नियामक आयोग को ही लेना है कि प्रस्ताव के तहत कितना किराया बढ़ोतरी करनी है और कब से करनी है।
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