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जम्मू और कश्मीर
द कश्मीर फाइल्स में विस्थापन का दर्द सामने आने के बाद नवरेह पर पंडितों की वापसी की बुलंद होगी आवाज, शारिका मंदिर में पूजा की तैयारी
Renuka Sahu
28 March 2022 2:01 AM GMT
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फाइल फोटो
द कश्मीर फाइल्स फिल्म में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन का दर्द सामने आने के बाद इस बार नए साल यानी नवरेह पर घाटी में पंडितों की वापसी की आवाज बुलंद होगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। द कश्मीर फाइल्स फिल्म में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन का दर्द सामने आने के बाद इस बार नए साल यानी नवरेह पर घाटी में पंडितों की वापसी की आवाज बुलंद होगी। देशभर से कश्मीरी पंडित नवरेह मनाने 2 अप्रैल को घाटी पहुंचेंगे।
जम्मू से भी बस के जरिये कश्मीरी पंडित घाटी में जाकर हरि पर्वत पर मां शारिका मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ ही पंडितों की वापसी की कामना करेंगे। सार्वजनिक समारोह कर वापसी के लिए अनुकूल माहौल बनाने के प्रयास होंगे, जिसमें सभी धर्मों व संप्रदाय के लोग शामिल होंगे। भाजपा नेता डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी व शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी भी इस मौके की साक्षी होंगी।
जेके पीस फोरम की ओर से देशभर के कश्मीरी पंडितों को नवरेह पर दो अप्रैल को कश्मीर में जुटाने की तैयारियां की गई हैं। इसके तहत शारिका मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ ही शेर-ए कश्मीर पार्क में नवरेह मिलन कार्यक्रम होगा। घाटी में भाईचारे को बढ़ावा देने के साथ ही पंडितों की सम्मानजनक वापसी की आवाज बुलंद की जाएगी।
कार्यक्रम का उद्देश्य 30 साल के विस्थापन के बीच धार्मिक-सांस्कृतिक रीति-रिवाजों से नई पीढ़ी को अवगत कराना और दहशत में घर-बार छोड़ने के लिए मजबूर लोगों के लिए सुरक्षा व आत्म सम्मान की भावना जगाना है। फोरम के चेयरमैन सतीश महालदार ने बताया कि इस बार कोशिश है कि सभी धर्मों के लोगों को एक मंच पर लाकर पंडितों की वापसी का माहौल बनाया जाए। इसके लिए अंतर समुदाय सांस्कृतिक महोत्सव भी कराया जा रहा है। कोशिश होगी कि सभी लोग एक-दूसरे की भावनाओं को समझें व सभी के प्रति सम्मान का भाव जगे। विस्थापन का दर्द झेल रहे पंडितों को सम्मान मिले।
सर संघचालक डॉ. भागवत भी ऑनलाइन करेंगे संबोधित
सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत भी नवरेह पर इस बार ऑनलाइन संबोधित करेंगे। संजीवनी शारदा केंद्र जम्मू के माध्यम से इस कार्यक्रम का आयोजन तीन अप्रैल को होगा। सर संघचालक पिछले साल संबोधन करने वाले थे, लेकिन अस्वस्थ होने की वजह से यह संभव नहीं हो पाया था।
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