जम्मू और कश्मीर

11 हजार अफसर-कर्मी जम्मू-कश्मीर से जाएंगे लद्दाख, 3369 कर्मियों पर नहीं हुआ फैसला

Kunti Dhruw
16 Nov 2021 2:46 PM GMT
11 हजार अफसर-कर्मी जम्मू-कश्मीर से जाएंगे लद्दाख, 3369 कर्मियों पर नहीं हुआ फैसला
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पुनर्गठन अधिनियम लागू होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कर्मचारियाें के बंटवारे की प्रक्रिया पर फैसला हो गया है।

पुनर्गठन अधिनियम लागू होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कर्मचारियाें के बंटवारे की प्रक्रिया पर फैसला हो गया है। लद्दाख में सेवाएं देने के लिए इच्छा जताने वाले ग्यारह हजार से ज्यादा कर्मचारियाें को तत्काल प्रभाव से लद्दाख भेजने के आदेश जारी हो गए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के आयुक्त सचिव ने सोमवार को कर्मचारियाें के बंटवारे संबंधी आदेश जारी किया है।

33 अलग-अलग विभागों में कार्यरत कुल 11,189 कर्मचारियों ने लद्दाख जाने की इच्छा जताई थी, जिस पर जम्मू-कश्मीर सरकार ने मुहर लगा दी है। इन कर्मचारियाें को तत्काल प्रभाव से रिलीव माना जाएगा। इन 33 विभागों के लद्दाख शिफ्ट होने वाले सबसे ज्यादा 4131 कर्मचारी शिक्षा विभाग से हैं। इसी तरह से गृह विभाग के 1943, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के 1753 और पशुपालन व मत्स्य पालन विभाग के 943 कर्मचारी भी शामिल हैं।
वहीं, लद्दाख प्रशासन ने 3369 अतिरिक्त कर्मचारियों को लद्दाख के हिस्से में करने का आग्रह किया था, जो स्वेच्छा जताने वाले ग्यारह हजार कर्मचारियों की सूची में शामिल नहीं थे। इन कर्मचारियों को कोई फैसला होने तक फिलहाल जम्मू-कश्मीर में ही सेवाएं देनी होंगी।
ये हुए फैसले
स्वेच्छा से लद्दाख जाने वाले सभी कर्मचारी लद्दाख के हिस्से चले गए हैं। शेष सभी कर्मचारी जम्मू-कश्मीर के हिस्से में होंगे। इन कर्मचारियाें के अलावा यदि कोई भी मामला अब लद्दाख स्थानांतरण से जुड़ा होगा तो उसे संबंधित अथॉरिटी सत्यापित करेगी, जिसके बाद ही कोई निर्णय हो सकेगा।
कर्मचारी जिस प्रदेश के हिस्से में गया है, यदि वह उसी प्रदेश में कार्यरत है तो उसकी सेवाएं वहीं जारी रहेंगी। लद्दाख के हिस्से में आया कर्मचारी यदि जम्मू-कश्मीर में कार्यरत है तो उसे तत्काल रिलीव कर लद्दाख भेजा जाएगा, लेकिन जो कर्मचारी जम्मू-कश्मीर के हिस्से में आया है और वर्तमान में लद्दाख में कार्यरत है तो उसे अगले आदेश तक लद्दाख में ही सेवाएं जारी रखनी होंगी।
राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों का बंटवारा नहीं
कर्मचारियों की बंटवारा प्रक्रिया से राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों को अलग रखा गया है। यानी जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा, जम्मू-कश्मीर पुलिस सेवा और जम्मू-कश्मीर वन सेवा दोनों प्रदेशों में संयुक्त कैडर होंगे, जिनका बंटवारा नहीं किया गया है।
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