हिमाचल प्रदेश

नशे के कारोबार पर लगाम लगाने को क्या उपाय किए

Shantanu Roy
9 Sep 2023 12:29 PM GMT
नशे के कारोबार पर लगाम लगाने को क्या उपाय किए
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शिमला। प्रदेश हाई कोर्ट में चल रहे भांग की खेती को कानूनी मान्यता प्रदान करने से जुड़े मामले पर सुनवाई दो नवंबर को होगी। अगली सुनवाई से पहले मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने सरकार को प्रदेश में मादक पदार्थों से जुड़े अपराधों को रोकने के उपायों की जानकारी कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने सरकार को कहा है कि यदि प्रदेश में मादक पदार्थों के उत्पादन और व्यापार में वृद्धि का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की हो तो उसे भी स्टेट्स रिपोर्ट के माध्यम से पेश किया जाए। कोर्ट ने सरकार से सुझाव के रूप में मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन और व्यापार को बेहद कम करने के तरीकों की जानकारी भी मांगी है। उल्लेखनीय है कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से सकारात्मक सोच सामने न आने के कारण इस मामले पर सुनवाई नहीं हो पाई थी। 24 जुलाई, 2019 को पारित आदेशो में केंद्र व राज्य सरकार को आठ सप्ताह के भीतर इस मामले में निर्णय लेने को कहा था।
कोर्ट ने आशा भी जताई थी कि यदि आठ सप्ताह के भीतर कोई निर्णय ले लिया जाएगा तो यह सराहनीय होगा, मगर चार साल बीत जाने के बावजूद कोई सार्थक प्रयास सामने न आने पर मामले की सुनवाई टल गई। हाई कोर्ट ने वर्ष 2018 में दायर मामले में प्रदेश सरकार के वन व स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, बायोडायवर्सिटी विभाग के निदेशक व केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया है। प्रार्थी का कहना है कि दवाई के लिए उपयोग की दृष्टि से ग्रामीण क्षेत्रों में भांग की खेती को कानूनी मान्यता प्रदान करके किसानों की आर्थिक हालत व युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या से निदान पाया जा सकता है। भांग के पौधों को जलाने से उतपन्न होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को भी खत्म किया जा सकता है।
ये पदार्थ असाध्य रोगों जैसे कैंसर व न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। इसे नेशनल फाइबर पॉलसी 2010 के अंतर्गत लाया जा सकता है। हाई कोर्ट के अधिवक्ता देशिंदर खन्ना ने याचिका दायर कर इन पदार्थों की खेती पर लगाई गई रोक को हटा कर इसे कानूनी मान्यता देने की गुहार लगाई है। इसके अलावा प्रार्थी ने इन पदार्थों को उद्योगों तथा वैज्ञानिक अनुसंधान में उपयोग में लाने बाबत राज्य सरकार को दिशा निर्देश बनाने के आदेशों की मांग भी की है । इससे अवैध तरीके से हो रहे कारोबार पर भी रोक लगेगी।
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