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हिमाचल प्रदेश
राजस्व अधिकारी महासंघ का आरोप, पांच साल में नहीं सुनी उनकी बात, अब आंदोलन को तैयार
Renuka Sahu
8 Sep 2022 1:00 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com
राजस्व अधिकारी महासंघ अपनी मांगों को लेकर फिर से मुखर हो गया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्व अधिकारी महासंघ अपनी मांगों को लेकर फिर से मुखर हो गया है। महासंघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो राजस्व अधिकारी महासंघ आंदोलन पर उतर आएगा। महासंघ की मांग है कि प्रशासनिक सेवाओं में पदोन्नति का कोटा जो राजस्व अधिकारियों से छीना गया है, उसे वापस किया जाए और दूसरे प्रदेशों की तर्ज पर उसे 35 प्रतिशत किया जाए। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष जय गोपाल शर्मा ने कहा कि तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों को वाहन सुविधा मुहैया करवाई जाए, क्योंकि हरियाणा में भी पिछले साल 83 गाडिय़ां नायब तहसीलदारों को दी गईं। उन्होंने कहा कि यह भी मांग की गई कि योग्य नायब तहसीलदारों को तहसीलदार के पद पर पदोन्नति दी जाए।
तहसीलों और उपतहसीलों के स्टाफ को उच्च अधिकारियों ने अपने कार्यालयों में नियुक्त कर रखा है, उस स्टाफ को तहसीलों में वापस किया जाए। सभी विभागीय श्रेणियों से प्रशासनिक सेवाओं का पदोन्नति कोटा 50 से 70 प्रतिशत किया जाए। पूरे प्रदेश में राजस्व अधिकारियों के जो पद लंबे अरसे से रिक्त पड़े हैं, उन्हें भरा जाए। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि महासंघ पिछले पांच सालों में कई बार मुख्यमंत्री से मिल चुका है। मगर मांगों को लेकर मुख्यमंत्री ने मिलने का समय देना तो दूर, वार्ता तक करने का समय वक्त नहीं दिया। यह भी चेताया गया कि यदि सरकार ने हमारी समस्या और मांग पर गौर नहीं किया तो प्रदेश भर के सभी तहसीलदारए नायब तहसीलदार और राजस्व अधिकारी बैठक करके रणनीति तैयार करेंगे और सबसे पहले काले बिल्ले लगाकर काम करके अपनी नाराजगी जताएंगे।
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