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हिमाचल प्रदेश
विद्यार्थियों से ज्यादा फीस वसूलने वाले होटल मैनेजमेंट संस्थानों पर कार्रवाई की तैयारी, निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने शुरू की जांच
Renuka Sahu
4 March 2022 2:59 AM GMT
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फाइल फोटो
विद्यार्थियों से ज्यादा फीस वसूलने वाले होटल मैनजमेंट संस्थानों के खिलाफ हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग कार्रवाई की तैयारी में है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विद्यार्थियों से ज्यादा फीस वसूलने वाले होटल मैनजमेंट संस्थानों के खिलाफ हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग कार्रवाई की तैयारी में है। आयोग ने इन संस्थानों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को आयोग की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। प्रदेश में छह निजी संस्थान ऐसे हैं जो होटल मैनेजमेंट से संबंधित डिग्री व डिप्लोमा कोर्सेज करवाते हैं। यह सभी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त हैं। आयोग ने इन संस्थानों से फीस से जुड़ा पूरा रिकार्ड तलब किया था, जिसमें पूछा गया था कि संस्थानों ने कब विवि से मान्यता ली।
इसके अलावा, फीस स्ट्रक्चर कब अप्रूव करवाया गया था। किस बैच के छात्रों से कितनी फीस वसूली गई। संस्थान की तरफ से यह रिकार्ड आयोग को भेज दिया है। आयोग द्वारा जांच के लिए कमेटी गठित की है। यह कमेटी पूरे रिकार्ड का अध्ययन कर तथ्यों को आयोग के समक्ष पेश करेगी। इस मामले की अगली सुनवाई 22 मार्च को रखी गई है। आयोग ने सपष्ट किया है कि यदि किसी संस्थान ने छात्रों से ज्यादा फीस वसूली होगी तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पहले अवैध किया है डिग्री को
हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने अपने पिछले आदेशों में बैचलर इन होटल मैनेजमेंट (बीएचएम) की तीन साल में करवाई गई डिग्रियों को अवैध करार दिया था। यूजीसी के नियमों को दरकिनार कर संस्थानों ने चार वर्ष की बीएचएम डिग्री को तीन वर्ष में ही पूरा करवा दिया। इसके बाद एचपीयू ने आयोग को अब डिग्रियां वैध करवाने के लिए एक वर्ष का ऑनलाइन कोर्स करवाने की बात कही थी। आयोग ने शिमला के संजौली स्थित हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म संस्थान पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
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