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बेसहारा बच्चों का भविष्य संवारने के लिए योजना तैयार
मंडी न्यूज़: मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत मंडी जिला में सभी बाल देखभाल संस्थानों को मजबूत करने के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है ताकि निराश्रित बच्चों को उनके भविष्य को आकार देने में मदद मिल सके। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी ने शुक्रवार को अपने कार्यालय में जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि मंडी जिला में निराश्रित बच्चों के लिए आठ बाल देखभाल संस्थाएं कार्य कर रही हैं। इसमें करीब 382 बच्चों की देखभाल सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि बाल देखभाल संस्थानों के बच्चों को बेहतर शिक्षा सुविधाओं के लिए सरकारी मॉडल स्कूलों और निजी स्कूलों में प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए उप निदेशक शिक्षा विभाग को प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं.
इसके साथ ही इन संस्थानों के बच्चों को स्कूल तक ले जाने के लिए वाहन व्यवस्था की सुविधा भी उपलब्ध करायी जायेगी ताकि बच्चों को आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े. बच्चों की शैक्षणिक प्रगति के लिए कोचिंग की भी व्यवस्था की जायेगी, इसके लिए ट्यूटर्स की नियुक्ति की जायेगी. बेहतर संचार कौशल विकसित करने पर विशेष जोर दिया जाएगा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पाठ्यक्रम और सामान्य ज्ञान की किताबें भी उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि इन संस्थानों के बच्चे किसी भी स्तर पर पीछे न रहें। उन्होंने कहा कि बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच भी की जायेगी, जिसमें बच्चों के शारीरिक विकास का सारा ब्यौरा रखा जायेगा और बीमार पड़ने पर इलाज की समुचित व्यवस्था की जायेगी. इस अवसर पर कार्यकारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुंदर हाजरी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और सुखाश्रय योजना के तहत बाल देखभाल संस्थानों के निराश्रित बच्चों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए तैयार की गई कार्य योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।