हिमाचल प्रदेश

मास्टरमाइंड सुखदेव ने डिजिटल क्रांति के नाम पर जोड़े थे 50 हजार लोग

Shantanu Roy
6 Oct 2023 9:18 AM GMT
मास्टरमाइंड सुखदेव ने डिजिटल क्रांति के नाम पर जोड़े थे 50 हजार लोग
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धर्मपुर। क्रिप्टो करंसी के नाम पर की गई करोड़ों की ठगी के मास्टरमाइंड ने बद्दी में हिम जनसेवा नामक संस्था बनाकर पढ़े-लिखे युवाओं को काबिलियत के हिसाब से रोजगार देने के सब्जबाग दिखाए थे। डिजिटल क्रांति लाने के नाम पर करीब 50000 लोगों को जोड़कर क्रिप्टो करंसी को गांव-गांव प्रमोट किया गया। मंडी जिले के धर्मपुर उपमंडल के दूरदराज गांव कौंसल निवासी सुखदेव ने डिजिटल क्रांति के नाम पर ठगी हेतु औद्योगिक क्षेत्र बद्दी को चुना और फैक्ट्रियों में काम कर रहे पढ़े-लिखे युवाओं को करोड़पति बनने के सपने दिखाए। उनसे पैसा लेकर अच्छी रिटर्न दी गई और लालच में आकर इन युवाओं ने रिश्तेदारों को विश्वास में लेकर धड़ाधड़ पैसा लगवाया।
मल्टी लेवल मार्कीटिंग को आधार बनाकर प्रदेश के हर गांव में लोगों से निवेश कराया गया। जो पहले पैसा लगाता था, उसे अच्छी रिटर्न देने के बाद दूसरे लोगों को पैसा लगाने के लिए उकसाया जाता था। इसी बीच प्रभावशाली लोगों का सहारा लेकर सुखदेव ने गुजरात से खुद के लिए नेल्सन मंडेला नोबल शांति पुरस्कार का जुगाड़ कर लिया। पुरस्कार देने के लिए प्रधानमंत्री के भाई को आमंत्रित किया गया तथा नेताओं और प्रभावशाली लोगों के बीच इस पुरस्कार का उपयोग कर सुखदेव ने खूब धन बटोरा।
युवाओं में शान-ओ-शौकत और करोड़पति बनने की चाह का ठगों ने भरपूर लाभ उठाया और अधिक से अधिक निवेश करने के लिए उकसाया। नतीजन अधिकतर युवाओं ने अपने अभिभावकों को सब्जबाग दिखा कर उनकी गाड़ी कमाई क्रिप्टो बाजार में लगवा डाली। क्रिप्टो ठगों ने हर गांव में अपने एजैंट्स का जाल बिछाकर ठगी को अंजाम दिया। अकेले धर्मपुर उपमंडल से ही नौकरीपेशा, मझोले व्यवसायी और सैनिकों ने क्रिप्टो करंसी में करोड़ों रुपए का निवेश किया है। पुलिस द्वारा मास्टरमाइंड को हिरासत में लेने के बाद निवेशकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। 30000 से लेकर 30 लाख के सफर में सैंकड़ों हमराही हैं। कुछ अभी भी चुप्पी साधे हुए हैं कि शायद पुलिस कार्रवाई के बाद निवेश की गई पूंजी वापस लौट आए। सूत्रों की मानें तो आंकड़ा कई करोड़ रुपए का है।
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