- Home
- /
- राज्य
- /
- हिमाचल प्रदेश
- /
- कर्मियों को स्थायी...
कर्मियों को स्थायी नीति बनाने का हुआ था फैसला, आउटसोर्स पॉलिसी पर बैठक लटकी
न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राज्य के सरकारी विभागों में काम कर रहे 28000 आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाने की प्रक्रिया फिलहाल रुक गई है। इसकी वजह यह है कि चुनाव से पहले फाइनांस सेक्रेटरी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में कुछ प्वाइंट तय किए गए थे, लेकिन इसके बाद दूसरी बैठक अब तक नहीं हो पाई है। विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले कैबिनेट ने यह फैसला किया था कि आउटसोर्स कर्मचारियों को अब कौशल विकास निगम के तहत ही लाया जाएगा और बीच में से ठेकेदारों को हटा दिया जाएगा। इससे इन्हें जॉब सिक्योरिटी मिल जानी थी, जबकि वित्तीय मसलों पर कैबिनेट ने कुछ स्पष्ट नहीं कहा था। इसके लिए कौशल विकास निगम को कौशल विकास एवं रोजगार निगम के रूप में बदलने और इसे कंपनी बनाने का फैसला हुआ था। इसके बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव फाइनांस प्रबोध सक्सेना ने तकनीकी शिक्षा और श्रम विभाग के सचिवों के साथ एक बैठक कर इनसे कुछ डॉक्यूमेंटेशन सबमिट करने को कहा था।