हिमाचल प्रदेश

पांच महिला रचनाकारों को सम्मान

Shantanu Roy
9 Sep 2023 12:26 PM GMT
पांच महिला रचनाकारों को सम्मान
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शिमला। देश और प्रदेश में अपने अनूठे साहित्यिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय सोच के कार्यक्रमों के लिए प्रतिष्ठित हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच पांच महिला लेखिकाओं को उनके हिंदी और हिंदी साहित्य के क्षेत्र में दिए रहे उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित करेगा। इन रचनाकारों में हिंदी और उर्दू की प्रख्यात वरिष्ठ लेखिका-गज़लकार डा. नलिनी विभा ‘नाज़ली’ को ‘आजीवन उपलब्धि साहित्य सम्मान’ और चार युवा लेखिकाओं डा. प्रेरणा ठाकरे (नीमच मध्य प्रदेश), डा. देवकन्या ठाकुर, दीप्ति सारस्वत ‘प्रतिमा’ व डा. देविना अक्षयवर को ‘हिमालय युवा साहित्य सम्मान’ से अलंकृत किया जाएगा। प्रख्यात लेखक व हिमालय साहित्य मंच के अध्यक्ष एसआर हरनोट ने बताया कि वरिष्ठ लेखिका डा. नलिनी विभा ‘नाज़ली’ का नाम एक शायरा-गज़लकार के रूप में देश भर में प्रख्यात है। उनके अब तक 13 गज़ल संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। हाल ही में उनका गज़़लों का वृहद् ग्रंथ ‘दीवान-ए-नाज़ली’ प्रकाशित हुआ है।
जिसमें उनकी करीब पांच सौ ग•ालें संग्रहीत हैं। डा. प्ररेणा ठाकरे की मूल भाषा मलयालम है, जबकि वे पिछले लगभग 25 सालों से हिंदी की मंचीय कविता में बेहद सक्रिय हैं। हिंदी साहित्य में पीएचडी डा. प्रेरणा ठाकरे मध्य प्रदेश के नीमच में एक सरकारी कालेज में हिंदी की आचार्य हैं। उनकी अब तक कविता और गज़लों की चार और कहानी की एक पुस्तक प्रकाशित हैं। डा. देव कन्या ठाकुर हिंदी साहित्य और फिल्म निर्माण में सक्रिय हैं। अब तक अंग्रेजी और हिंदी में पांच पुस्तकें प्रकाशित हैं और हिमाचल के कई दुर्लभ विषयों में कई फिल्मों का निर्माण कर चुकी हैं। दीप्ति सारस्वत ‘प्रतिमा’ लेखन के साथ अध्यापन में रहते हुए हिंदी की सेवा कर रही है। उनकी अब चार कविता और एक कहानी की पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है। साथ ही डिजिटल मीडिया में सकिक्र हैं। डा. देविना अक्षयवर मूल रूप से मोरिशस की निवासी हैं, लेकिन जेएनयू में पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने के बाद उन्होंने स्थायी निवास शिमला हिमाचल बना लिया है। इन दिनों शिमला के प्रतिष्ठित कालेज सैंट बीड्स में हिंदी की सहायक प्रोफेसर हैं। सम्मान समारोह शिमला में अक्तूबर में आयोजित किया जाएगा, जिसकी तिथियों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।
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