हिमाचल प्रदेश

हिमाचल सरकार की नजरें भांग की खेती पर, 500 करोड़ की कमाई होने का अनुमान

Shantanu Roy
2 Oct 2023 10:18 AM GMT
हिमाचल सरकार की नजरें भांग की खेती पर, 500 करोड़ की कमाई होने का अनुमान
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कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के कसोल में भांग के पौधों की भरमार पड़ी हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि भांग के वैधीकरण से सरकारी राजस्व और राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ अवैध चरस व्यापार को नुकसान होगा। कुल्लू के पहाड़ों में आप जाने का जोखिम नहीं उठा सकते, लेकिन भाग की खेती कोई सामान्य फसल नहीं है। पुलिस की नजरों से दूर पिछड़े लोग भांग के पौधों से चरस निकालने में लगे हुए हैं। अक्टूबर में जब 'भांग सीजन' खत्म होता है, तब तक वे हजारों किलोग्राम बेशकीमती चरस का उत्पादन कर चुके होते हैं। हालांकि, अब इसके ऊपर हिमाचल सरकार की नजरें भी टिक चुकी हैं। लगभग 40 सालों से भारत में भांग की खेती एक अपराध रही है, लेकिन हिमाचल के कुल्लू, चंबा, सिरमौर, शिमला, मंडी और कांगड़ा जिलों के कुछ हिस्सों में कई लोग इसकी परवाह किए बिना खेती करते हैं। हालांकि, अब हिमाचल सरकार इसे वैध घोषित कर देती है तो भांग अपने औषधीय गुणों के कारण मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होने के अलावा राज्य के लिए राजस्व उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। सीएम सुक्खू कह चुके हैं कि सरकार भांग की खेती को वैध बनाने पर अंतिम फैसला लेने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करेगी। भांग की खेती को वैध बनाने वाले अन्य राज्यों की प्रणाली का भी अध्ययन किया जाएगा।
यह विचार नया नहीं है। 2018 में हिमाचल के पूर्व सीएम जय राम ठाकुर ने भी ऐसी ही घोषणा की थी। एक साल पहले, शिमला स्थित वकील देवेन खन्ना ने हिमाचल उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की थी जिसमें औद्योगिक और चिकित्सा भांग की खेती को वैध बनाने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी। लेकिन इस साल अप्रैल में ही सरकार भांग को वैध बनाने के लिए राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव लेकर आई। फिर, संभावना तलाशने के लिए पांच सदस्यीय पैनल का गठन किया गया। हिमाचल के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता वाले पैनल ने 22 सितंबर को विधानसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की और वैधीकरण को राज्य के लिए 'गेम-चेंजर' बताया। भांग की खेती की अनुमति देने के पीछे का विचार राज्य के लिए राजस्व उत्पन्न करना और रोजगार का स्रोत बनाना है। मंडी जिले के भाजपा विधायक पूरन चंद ठाकुर, जिन्होंने भांग को वैध बनाने का प्रस्ताव पेश किया था, उन्होंने कहा, "अगर वैध हो गया, तो भांग राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक वरदान साबित होगी।" ठाकुर, जो भांग वैधीकरण पर समिति के सदस्य भी हैं, उनका कहना है कि कानूनी भांग ड्रग माफिया को खत्म कर देगी। यह किसी भी अन्य फसल की तरह होगी, जैसे मक्का या गेहूं। सरकार किसानों को बीज उपलब्ध कराएगी और सुनिश्चित करेगी कि फसल अच्छी दरों पर खरीदी जाए। इससे हजारों बेरोजगार युवाओं को आय मिलेगी। यह राज्य में ड्रग माफिया के अंत की भी शुरुआत होगी। उन्हें उम्मीद है कि अगले साल मार्च तक हिमाचल में भांग की खेती वैध हो जाएगी।''
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