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हिमाचल प्रदेश
प्रदेश भर में दो दिन में 34 लोगों की मौत, मानसून की मार से हिमाचल में हाहाकार
Gulabi Jagat
22 Aug 2022 3:24 PM GMT
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शिमला
हिमाचल प्रदेश में मानसून जानलेवा बन चुका हैं। प्रदेश में दो दिन में मानसून के कारण हुई दुघर्टनाओं में 34 लोगों की जान जा चुुकी है। बाढ़, भू-स्खलन व बादल फटने की घटनाओं में जहां शनिवार को 22 लोगों की मौत हुई थी, तो रविवार को भी प्रदेश में मानसून के कारण हुई दुर्घटनाओं में 12 लोगों की मौत हुई हैं। इन मौतों के साथ मानसून सीजन में अब तक कुल 244 लोगों की मौत हो चुकी हैं। 427 लोग घायल हैं और 12 लोग अभी भी लापता हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में रविवार को आठ लोगों की मौत हुई हैं। इनमें शिमला में दो, मंडी में चार, चंबा में चार, कांगड़ा और हमीरपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई हैं। भू-स्खलन के कारण प्रदेश में अभी भी 96 सडक़ें बंद पड़ी हैं। इन सडक़ों को अभी तक नहीं खोला जा सका हैं। इनमें 50 सडक़ें कुल्लू, 39 सडक़ें चंबा, तीन सडक़ें सोलन और एक सडक़ लाहौल स्पीति जिला में बंद हैं। लोक निर्माण विभाग का दावा है कि इन मार्गों को आगामी 24 घंटों के बीच में खोल दिया जाएगा। वहीं, बीते दिन शिमला-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे भी रविवार को बहाल कर दिया है।
इसके अतिरिक्त प्रदेश में अभी भी 358 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़े हुए हैं, जिससे कई ग्रामीण क्षेत्रों में अंधेरा छाया हुआ है। इनमें से 162 ट्रांसफार्मर कुल्लू और 196 ट्रांसफार्मर चंबा जिला में बंद पड़े हैं। बोर्ड अधिकारियों का मानना है कि कुछ स्थानों पर बाढ़ आने से बिजली लाइन पूरी तरह से प्रभावित हुई है, ऐसे मेें बिजली आपूर्ति बहाल करने में समय लग रहा है आगामी एक से दो दिन में बिजली आपूर्ति बहाल की जा सके। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 65 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई है, जिससे प्रदेश में कई जिलों में पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। प्रदेश भर में रविवार को भी बारिश का दौर जारी रहा। शिमला में भी दोपहर बाद जमकर बारिश हुई भारी बारिश के बीच शिमला में रविवार को शिमला-कालका रेलवे सडक़ मार्ग धंस गया है। जिससे मलवा रेलवे कार्यालय पुलिस चौकी में घुस गया। इसके अतिरिक्त शहर में जगह जगह भूस्खलन हुए। वहीं रविवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश का दौर जारी हैं। भारी बारिश के कारण प्रदेश के कई क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं पेश आई हैं। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार चंबा जिला के डलहौजी में प्रदेश में सबसे ज्यादा 70 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई हैं। इसके अलावा पालमपुर में 50, पच्छाद में 49, कुफरी में 47, मंडी में 42, बंजार में 41, बैजनाथ में 35, जोगेंद्रनगर में 34, नगरोटा सूरियां में 27, पंडोह में 24, कोठी में 23, भोरंज में 20, मनाली में 19 और गग्गल में 18 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई हैं। हिमाचल प्रदेश में मानसून के कारण हुई दुर्घटनाओ में अब तक 1214 करोड़ रुपए का विभागीय नुकसान हुआ हैं। पीडब्ल्यूडी को 7000 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन है। वहीं 483 करोड़ रुपए का नुकसान आईपीएच विभाग को हुआ हैं। (एचडीएम)
25 तक यलो अलर्ट
हिमाचल प्रदेश में आने वाले कुछ दिन तक बारिश का दौर जारी रहने वाला हैं। प्रदेश के सात जिलों में 25 अगस्त तक मौसम विभाग ने भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया हैं। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश शिमला, चंबा, कुल्लू, मंडी, शिमला सिरमौर और सोलन जिला में भारी बारिश की संभावना हैं।
कटौला में फिर बाढ़
कटौला – शुक्रवार को बाढ़ की मार झेल चुके उत्तराशाल घाटी पर अभी खतरा टला नहीं है। रविवार को दिन भर धूप होने के बाद अचानक से दोपहर बाद को फिर से बागी नाले में बाढ़ आ गई। देखते ही देखते ही बागी नाले में जल प्रलय हो गया है। बताया जा रहा है कि ऊपर पहाडिय़ों में बादल फटने के बाद रविवार को फिर से बाढ़ आई। बाढ़ की सूचना मिलते ही पुराने कटौला तक लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
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