जी. अनुपमा ने कहा वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए हरियाणा बनाएगा स्थाई रणनीति
चंडीगढ़। अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. जी. अनुपमा की अध्यक्षता में आज यहां विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ वेक्टर जनित रोगों (वीबीडी) का नियंत्रण और रोकथाम के लिए स्थाई रणनीति तैयार करने हेतु एक अंतर-क्षेत्रीय बैठक की गई। बैठक में प्रबंध निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) राजनारायण कौशिक, डीजीएचएस हरियाणा, डॉ. उषा गुप्ता और राज्य मुख्यालयों के वेक्टर जनित रोग अधिकारियों ने भी भाग लिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. जी अनुपमा ने बताया कि भारत सरकार ने देश में वर्ष 2027 तक मलेरिया को कम करने और हरियाणा से वर्ष 2030 तक मलेरिया उन्मूलन लक्ष्य निर्धारित किया है। हरियाणा मलेरिया उन्मूलन के पथ पर अग्रसर है। अंबाला, फतेहाबाद, गुरुग्राम, जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र, पलवल और पंचकुला सहित 8 जिलों ने वर्ष 2022 के दौरान जीरो मलेरिया केस की सूचना दी है। वर्ष 2023 के दौरान वेक्टर जनित रोग विशेष रूप से एकत्र पानी में मच्छर पनपने से रोकने व डेंगू गतिविधियों के लिए मजबूत प्रबंधन में अन्य विभागों की भी मदद ली जा रही है।
डीजीएचएस हरियाणा डॉ. उषा गुप्ता ने बताया कि हरियाणा में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी एन्सेफलाइटिस (जेई) सहित चार वेक्टर जनित रोग प्रचलित हैं, जो ठहरे हुए पानी में पनपने वाले संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। बरसात में पानी के संग्रहण के कारण मच्छरों के प्रजनन स्थलों के निर्माण की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए सोर्स रिडक्शन एक्टिविटीज पर जोर दिया जाता है। सभी अस्पतालों प्रयोगशालाओं के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे अपने संस्थानों में वेक्टर जनित रोगों के किसी भी मामले की सूचना दें।
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।