हरयाणा: केंद्र सरकार ने डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। 21 जून को इसका नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है। इस नोटिफिकेशन में किए गए बदलाव में 'नेटवर्क' शब्द जोड़ दिया गया है।
नोटिफिकेशन में खंड (घ) में सीधे विक्रेताओं के माध्यम के स्थान पर सीधे विक्रेताओं के नेटवर्क के माध्यम से शुरू किया जाएगा। इस एक शब्द के जोड़ दिए जाने से हरियाणा की डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों में खुशी की लहर है।
क्या होता है डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस
इसमें सारा काम एक डिस्ट्रीब्यूटर का होता है क्योंकि वही प्रोडक्ट की मार्केटिंग करता है और उसे सीधे ग्राहकों तक पहुंचाता है, जो कंपनी अपनी प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए विज्ञापन नहीं करती बल्कि लोगों से सेल करवाती है वह डायरेक्ट सेलिंग कंपनी कहलाती है।
कंज्यूमर को होंगे ये फायदे
इस बिजनेस की सबसे अच्छी बात ये है कि इसे आप बहुत ही कम पैसों में शुरू कर सकते हैं। यूं कहें की इसे आप जीरो इन्वेस्टमेंट से शुरू कर सकते हैं क्योंकि डायरेक्ट सेलिंग में आपको पैसे लगाने नही होते हैं बल्कि कुछ प्रोडक्ट खरीदने होते हैं और आपका बिजनेस स्टार्ट हो जाता है। लेकिन यदि आप कोई दूसरा बिजनेस स्टार्ट करते हैं तो छोटे से छोटे बिजनेस में भी लाखों रुपए पहले इन्वेस्ट करने पड़ते हैं। बता दें कि हरियाणा में डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों का 1000 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार होता है।
मोदी सरकार का शानदार कदम
वहीं अधिसूचना जारी होने के बाद डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों और एसोसिएशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एंटिटीज ऑफ इंडिया (ADSEI) के पदाधिकारियों ने इसे बड़ा फैसला बताते हुए मोदी सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत के लिए उठाया गया एक शानदार कदम बताया है। हरियाणा के उद्यमियों ने बताया कि इस नोटिफिकेशन से देश मे डायरेक्ट सेलिंग करना आसान हो जाएगा और इंडस्ट्री तेजी से बढ़ेगी।
ADSEI संरक्षक टीसी छाबड़ा ने बताया कि डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री को लीगल स्टेटस मिलने से देश के लोगो मे इंडस्ट्री के प्रति भरोसा बढ़ेगा। सही मायने में इस अधिसूचना से नेटवर्क ऑफ डायरेक्ट सेलर्स को सम्मान मिला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से हिंदुस्तान के करोड़ों डायरेक्ट सेलर का भविष्य सुरक्षित हो गया है।