रेवाड़ी: हरियाणा के रेवाड़ी शहर में लंबे समय से चली आ रही पानी की राशनिंग से अब जल्द छुटकारा मिलने की उम्मीद बनी है। शहर से सटे गांव भगवानपुर की पंचायत ने जनस्वास्थ्य विभाग को 11 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव पास कर दिया है। इससे पहले गांव चांदावास में वाटर टैंक बनाने के लिए लंबे समय तक बात चली, मगर प्रक्रिया सफल नहीं हो पाई।
इसके बाद में ही भगवानपुर में वाटर टैंक के लिए जमीन की मांग पंचायत से की गई। जनस्वास्थ्य विभाग की तरफ से जरूरी दस्तावेजों को पूरा कराया जा रहा है। उसके बाद मुख्यालय से मंजूरी मिलते ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
2015 में हुई थी वाटर टैंक की घोषणा: वर्ष 2015 में शहर को जलापूर्ति सही तरीके से करने के लिए अतिरिक्त वाटर टैंक निर्माण की घोषणा की गई थी। विभाग की तरफ से उस वक्त करीब 50 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, लेकिन जमीन न मिलने से कार्य बीच में अटका रहा। इस समय शहर सिंचाई के लिए ही नहीं पेयजल के लिए भी पूरी तरह जवाहर लाल नेहरू कैनाल से आने वाले यमुना के पानी पर निर्भर है।
नहरी पानी का शोधन कर सप्लाई के लिए रेवाड़ी के कालका गांव में 5 वाटर टैंक व लिसाना में 3 वाटर टैंक बनाए गए हैं। मौजूदा समय में इन्हीं 8 वाटर टैंक से रेवाड़ी शहर की पौने 3 लाख से अधिक की आबादी को पेयजल आपूर्ति की जाती है। नहरी पानी का पूरी तरह से स्टोरेज न हो पाने से शहर के लोगों को एक दिन छोड़कर एक दिन पेयजल की सप्लाई की जाती है।