रेवाड़ी क्राइम न्यूज़: करीब एक सप्ताह से बिजली ट्रांसफार्मरों से तेल चोरी घटनाएं लगातार हो रही हैं। तेल चोर गिरोह एक्टिव होकर करीब एक दर्जन ट्रांसफार्मरों से 1 लाख रुपए से अधिक का तेल चोरी कर चुका है। पुलिस की ओर से इस गिरोह पर शिकंजा नहीं कसा गया है। यह तेल आम उपयोग में नहीं आता। इसके बावजूद महंगी क्वाइलों को छोड़कर चोर तेल पर ही हाथ साफ कर रहे हैं। जीवड़ा में ही चोर 9 बिजली ट्रांसफार्मरों से 1 लाख रुपए से ज्यादा कीमत का तेल चोरी कर चुके हैं। इसके बाद खरखड़ा में चोरों ने तेल चोरी की वारदात को अंजाम दिया। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब चोर ट्रांसफार्मरों की महंगी क्वाइलों को छोड़कर सस्ता तेल चोरी कर रहे हैं। इसके पीछे किसी ऐसे गिरोह का हाथ नजर आ रहा है, जिसकी ट्रांसफार्मर या बिजली के दूसरे यंत्र बनाने वाले लोगों से सांठगांठ है। पुलिस जांच में बड़ा मामला भी उजागर हो सकता है।
बिजली ट्रांसफार्मरों का तेल ऐसे उपकरणों में यूज किया जाता है, जिनकी क्वाइलें गर्म होती हैं। इन क्वाइलों को ठंडा करने के लिए इस तेल का इस्तेमाल किया जाता है। यह तेल ज्वलनशील नहीं होता। 300 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान पर भी यह काम करता है। आमतौर पर यह तेल किसानों के मोटर स्टार्टरों में काम आता है, परंतु उसकी खपत ज्यादा नहीं होती। बाजार में इसकी कीमत भी 60 रुपए से 120 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा नहीं होती। इसके बावजूद चोर तेल को ही निशाना बना रहे हैं।
क्वाइलें चोरी करने के मामले ज्यादा: बिजली के पुराने ट्रांसफार्मरों में कॉपर की क्वाइलें होती थीं। कॉपर का रेट ज्यादा होने के कारण चोर बड़ी संख्या में क्वाइलें चोरी करने की वारदातों को अंजाम देते रहे हैं। अब अधिकतर ट्रांसफार्मरों में एल्यूमिनियम की क्वाइलें होती हैं, जो कॉपर की तुलना में काफी सस्ती होती हैं। इन क्वाइलों को छोड़कर चोर तेल की ही चोरी करने में लगे हुए हैं। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसके पीछे ट्रांसफार्मर या बिजली के ही ऐसे उपकरण बनाने वाले लोगों का हाथ है, जो चोरी किया गया तेल आसानी से खरीद सकते हैं। ट्रांसफार्मर तेल चोरी होने के मामले दर्ज किए जा चुके हैं। पुलिस गिरोह को काबू करने के लिए जांच आगे बढ़ा रही है। जल्द ही तेल चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले लोगों को काबू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। - सुभाष चंद, डीएसपी।