चंडीगढ़: सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध से जुड़े मामलों की सुनवाई में अदालतों को संवेदनशील होने का निर्देश दिया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि उचित संदेह के लाभ के नियम का मतलब यह नहीं है कि अदालत एक कमजोर झिझक के हर झटके के आगे झुक जाएगी.
पीठ ने कहा कि न्यायाधीश कठोर सामग्री से बने होते हैं और उन्हें साक्ष्य, परिस्थितिजन्य या प्रत्यक्ष से निकलने वाले वैध निष्कर्षों पर व्यावहारिक दृष्टिकोण रखना चाहिए.’
जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने हत्या और दहेज उत्पीड़न मामले में मृतक महिला के पति और सास की अपील खारिज करते हुए यह टिप्पणी की. फैसले में कहा गया कि अपर्याप्त जांच या साक्ष्य में महत्वहीन कमियों और प्रक्रियागत खामियों के आधार पर आरोपी को छोड़ा गया तो इससे अपराधियों को प्रोत्साहन मिलेगा.
सामाजिक विज्ञान में सिख धर्म का पाठ
अमेरिका में कनेक्टिकट स्टेट बोर्ड ऑफ एजुकेशन ने सामाजिक विज्ञान के अपने नए पाठ्यक्रम में सिख धर्म को शामिल करने का फैसला किया है. इस पहल से कनेक्टिकट के लगभग 5,14,000 छात्र-छात्राओं को सिख समुदाय के बारे में जानने का मौका मिलेगा. सिख समुदाय अपने धर्म को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की मांग कर रहा था.
नॉर्विच सिटी के काउंसिलमैन स्वर्णजीत सिंह ने कहा, नया पाठ्यक्रम छात्र-छात्राओं को शिक्षा के तीनों स्तर पर सिख समुदाय के बारे में जानने का अवसर प्रदान करेंगे.