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कूड़े के पहाड़ से रिसने वाला गंदा पानी अरावली के लिए खतरनाक

Admin Delhi 1
14 July 2023 9:23 AM GMT
कूड़े के पहाड़ से रिसने वाला गंदा पानी अरावली के लिए खतरनाक
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गुडगाँव न्यूज़: बंधवाड़ी में लगे कूड़े के पहाड़ों से रिसकर अरावली के जंगलों में बहने वाला गंदा पानी (लिचेट) अरावली को दूषित कर रहा है. यह पर्यावरण के साथ जनवरों और इंसानों के लिए भी खतरनाक है. इसका खुलासा मई में बंधवाड़ी प्लांट के पास बने एक तालाब से पानी के लिए गए सैंपल की रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार अगर गलती से भी यह इंसान के शरीर में चला गया तो वह इंसान के हड्डियों को गला देगा.

प्लांट के पास बने इस तालाब में अरावली में रहने वाले जंगली जानवर यहां पानी पीते हैं. पर्यावरणविदों का आरोप है कि इस पानी पीने से कई जानवरों और पक्षियों की मौत यहां हो चुकी है. पानी की सैंपल रिपोर्ट आने के बाद पर्यावरणविदों ने इसकी शिकायत हरियाणा के मुख्य सचिव और प्रदूषण कंट्रोल विभाग को की है. वहीं इस मामले को लेकर हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है. मानव आयोग ने निगम अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट भी मांगी है. हरियाणा मानवाधिकार आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष ने 19 को बंधवाड़ी प्लांट का दौरान किया था. पर्यावरणविदों की शिकायत पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की मौजूदगी में यहां बंधवाड़ी प्लांट के पास अरावली में बने पानी के तालाब में से पानी से नमूने लिए थे. इसके अलावा आसपास दो जगहों पर जमा हुए पानी से भी नमूने लिए गए थे. पर्यावरणविदों का आरोप है कि इस तालाब का आकार करीब 2.5 एकड़ है. अब यह तालाब बंधवाड़ी प्लांट से निकलने वाले जहरीले पानी से दूषित हो गया है.

बताया गया कि नमूने की जब जांच होती है तो उसमें पानी में कितनी मात्रा में ऑक्सीजन है इसकी भी जांच होती है, लेकिन यहां विभागीय अधिकारियों ने इसकी जांच नहीं की है.

लीचेट को अरावली में बहने से रोकने के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं. प्लांट में काम करने वाले एजेंसियों को भी नोटिस दिया गया है कि वह लीचेट का प्रबंध करें.

-पीसी मीणा, निगमायुक्त, नगर निगम

कूड़े के प्लांट के आसपास पांच गांवों में लगभग 50 हजार से ज्यादा की आबादी है, जिसमें लैंडफिल के कारण भूजल दूषित हो गया है. इसके लिए निगम जिम्मेदार है.

-वैशाली राणा, पर्यावरणविद

बंधवाड़ी प्लांट के पास से लिए गए सैंपल की रिपोर्ट आ गई है. हरियाणा मानवाधिकार आयोग इस मामले पर संज्ञान लिया हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार निगम अधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा.

वाटर टेस्टिंग इन ए टेस्टिंग ग्रुप के महाप्रबधंक डॉ. विनोद कुमार मोगा ने जांच रिपोर्ट को लेकर बताया कि बायो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी मिलीग्राम/लीटर) 820 है, जबकि इसकी सीमा अधिकतम 10 मिलीग्राम/लीटर होती है. रासायनिक ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी) 4738.8 मिलीग्राम/लीटर है, जबकि मानक सीमा 50 मिलीग्राम/लीटर है. सीएल परीक्षण में क्लोराइड 2124.1 मिलीग्राम/लीटर है, जबकि मानक सीमा 100 मिलीग्राम/लीटर है. मानव उपभोग के लिए हानिकारक है. फ्लोराइड 9.3 मिलीग्राम/लीटर है, जबकि फ्लोराइड की अधिकतम सीमा एक मिलीग्राम/लीटर है. फ्लोराइड एक रसायन है जो हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है.

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