फरीदाबाद न्यूज़: चीन को पछाड़कर देश आबादी के मामले में दुनिया में नंबर एक बन गया है. इसमें फरीदाबाद जिला का भी योगदान है. जिले में बीते एक दशक में आबादी 40 फीसदी बढ़ी है.
वर्ष 2011 में 18.10 लाख थी जो वर्ष 2022 में बढ़कर 25 लाख से अधिक हो गई है. यह आंकड़े फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण सहित अनेक सरकारी विभागों के हैं. लेकिन अगर जनप्रतिनिधियों के निजी आंकड़ों पर विश्वास करें तो शहर की आबादी करीब तीस लाख है. शहर में 45 वार्ड हैं और प्रत्येक में पच्चीस से पैंतीस हजार मतदाता हैं. उनके मुताबिक प्रत्येक वार्ड 70-80 हजार की आबादी है. अब इसमें चिंताजनक यह है कि बढ़ती आबादी के अनुपात में संसाधन पर्याप्त मात्रा में नहीं बढ़े. ऐसे में समस्या का बढ़ना तय है. बीते एक दशक में बढ़ती आबादी के चलते खेती की जमीन कम हुई है. वर्ष 2011 में जहां 40 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि थी, जो अब घटकर करीब 35 हजार हेक्टेयर रह गई है.
जिले में आबादी तेजी से बढ़ रही है पर इसके बढ़ते अनुपात में संसाधान नाकाफी है, जो चिंता का विषय है. जनबल का उपयोग करने के लिए ठोस नीतियों की आवश्यकता है.
-जेएस मलिक, जिला साख्यिकी अधिकारी
भूजल दोहन होने से पेयजल संकट भी बढ़ता जा रहा
आबादी बढ़ने से बीते एक दशक में भूजल दोहन भी बढ़ा है. परिणामत शहर के कई इलाकों में जमीन में पानी सूख चुका है. कई इलाकों में भूजल का स्तर 50 फुट तक और नीचे चला गया है. इसके चलते पानी की समस्या विकराल होने की आशंका विशेषज्ञ व्यक्त कर चुके हैं. शहर में प्रतिदिन 400 एमएलडी पानी प्रतिदिन दोहन किया जा रहा है. बढ़ती आबादी के चलते शहर के कई इलाकों में मसलन, एसजीएम नगर, संजय कालोनी, जवाहर कालोनी, पर्वतीया कालोनी, डबुआ कॉलोनी समेत अन्य इलाके पानी की किल्लत से ग्रस्त हैं.
स्वास्थ्य-शिक्षा में मामूली सुधार
बीते एक दशक में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में मामूली सुधार जिले में हुआ है. तीन नए कॉलेज बने है और एक मेडिकल कॉलेज शुरू हुआ है. जिला राजकीय अस्पताल और इएसआईसी अस्पताल में कुछ स्वास्थ्य सेवा में विस्तार किया गया.
एक दशक सड़कें जस की तस
बीते एक दशक की बात करें तो शहर में नई सड़क नहीं बनी. बीते दशक में नियमित हुई कॉलोनियों की गलियों का निर्माण होने से करीब 300 किलोमीटर की छोटी सड़कों की बढ़ोतरी हुई है.