स्मार्ट सिटी को एक अस्पताल और दो स्वास्थ्य केंद्र की सौगात मिली
रेवाड़ी न्यूज़: स्मार्ट सिटी को 50 बिस्तर क्षमता वाले एक अस्पताल और दो उपस्वास्थ्य केंद्र की सौगात मिली है. करीब दस करोड़ रुपये की लागत से मेवला महाराजपुर में इस अस्पताल को तैयार किया गया है. फिलहाल यह 30 बिस्तर का है और इसे अगले दो महीने में बढ़ाकर 50 बिस्तर की सुविधाओं से युक्त किया जाएगा.
इस अस्पताल से मेवला महाराजपुर, दयालनगर, सेक्टर-45, 46, एकता नगर आदि इलाकों की करीब दो लाख आबादी को सुविधा होगी. साथ ही ग्रेटर फरीदाबाद के पलवली और कांवरा में दो उपस्वास्थ्य की सौगात से एक लाख से अधिक लोगों को सुविधा होगी. इन तीनों परियोजनाओं का उद्घाटन मुख्यमंत्री मनोहरलाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ऑनलाइन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया. ये परियोजनाएं वर्ष 2017 में घोषित की गई थी. मेवला महाराजपुर में बने तीन मंजिला इस अस्पताल में विकलांगों के लिए अलग कक्ष की व्यवस्था की गई है. इसमें प्रसूतिगृह, ओपीडी, नमूने संग्रह केंद्र, एक्सरे रूम आदि सुविधाएं तैयार की गई है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 17 जिलों में करीब 46 स्वास्थ्य सेवाओं की शुरुआत की. मेवला महाराजपुर के नवनिर्मित अस्पताल में आयोजित किए गए कार्यक्रम में विधायक सीमा त्रिखा ने कहा कि अस्पताल कोई छोटा या बड़ा नहीं होता. जहां पर बेहतर इलाज और नया जीवनदान मिल रहा हो वह स्थान बहुत पवित्र होता है. इस मौके पर भाजपा के जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा, उपायुक्त विक्रम सिंह, एसडीएम पंकज सेतिया, एसडीएम परमजीत चहल, डॉ गजरान, डॉ. हरजिन्द्र सिंह, डॉ. वंदना, प्रदीप कुमार, अजय कुमार, संदीप भाटी आदि मौजूद रहे.
कांफ्रेंसिग की भी सुविधा
पलवली और कांवरा में आयुष विभाग के वेलनेस सेंटरों की शुरुआत की गई. इन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. गंभीर मरीजों को अगर विशेषज्ञ चिकित्सकों के परामर्श की आवश्यकता होगी तो सीएचओ मुख्यालय में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सक से वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से जुड़कर मरीज को हर संभव उपचार देंगे.
दुर्लभ बीमारियों के मरीजों को सहायता मिलेगी
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि 55 दुर्लभ बीमारियों से ग्रसित मरीजों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. इन मरीजों को 2750 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे. अभी तक सरकार की ओर से थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, कैंसर स्टेज-3 एवं 4 के मरीजों को यह सुविधा दी जाती है.
प्रदेश में डॉक्टरों की कमी जल्द दूर की जाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के मानदंडों के अनुसार प्रदेश में लगभग 28 हजार डॉक्टर होने चाहिए, जबकि सरकारी व निजी मिलाकर 13 हजार डॉक्टर हैं. इसकी कमी दूर की जाएगी. वर्ष 2014 में प्रदेश में मात्र 750 एमबीबीएस सीटें थीं. नए मेडिकल कॉलेज खोलने से सीटों की संख्या बढ़कर 1900 हो गई है.
जिले की 13 पीएचसी को तोड़कर नया बनाएंगे
जिले की 13 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र(पीएचसी) को नए डिजाइन में तैयार किया जाएगा. कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश भर में करीब 162 पीएचसी को तोड़कर नया बनाया जाएगा और इन सभी का डिजाइन एक जैसा होगा. पीएचसी स्तर पर ईसीजी और एक्सरे की सुविधाएं मुहैया होंगी.