रेवाड़ी न्यूज़: एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया है. आरोपी लेन-देन के मामले को रफा-दफा करने के नाम पर रिश्वत ले रहा था. आरोपी दिल्ली के सरिता विहार थाने में कार्यरत था. एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने आरोपी सेक्टर-12 स्थित अदालत में पेश किया. अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में नीमका जेल भेज दिया है.
एंटी करप्शन ब्यूरो के मुताबिक, सेक्टर-आठ निवासी धारा सिंह ने लॉकडाउन से पहले दिल्ली निवासी अजय से तीन लाख रुपये उधार लिए थे. आरोप है कि ब्याज लगाकर अजय अब शिकायतकर्ता से 21 लाख रुपये की मांग कर रहा था. नौकरी छूट जाने की वजह से धारा सिंह यह रकम चुकता करने के लिए समय मांग रहा था. इस पर अजय ने पीड़ित के खिलाफ अदालत में चेकबाउंस का मामला दायर कर दिया था. चेक बाउंस का मामला डालने के बाद दिल्ली के सरिता विहार थाने में भी शिकायत दे दी थी.
इस मामले की जांच सब-इंस्पेक्टर राजेंद्र चौधरी कर रहा था. आरोप है कि सब-इंस्पेक्टर जांच की शुरुआत से ही मामले को रफा-दफा करने के लिए पीड़ित से ढाई लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था, जबकि पीड़ित का कहना था कि उसके खिलाफ अदालत में चेक बाउंस का मामला चल रहा है. इस शिकायत को बंद कर दिया जाए, लेकिन सब-इंस्पेक्टर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की धमकी दे रहा था.
इससे परेशान होकर पीड़ित ने आरोपी सब-इंस्पेक्टर से बातचीत के दौरान एक लाख रुपये की रिश्वत देने की हामी भर ली. इसके बाद उसने इस मामले की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो को दे दी. शिकायत मिलने पर एंटी करप्शन ब्यूरो के इंस्पेक्टर श्रीभगवान के नेतृत्व में एक टीम गठित कर दी गई.
एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि भ्रष्टाचार के मामले को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.