गुडगाँव न्यूज़: नगर निगम में आजकल निगम अधिकारी निगम के राजस्व का दुरुपयोग कर रहे हैं. नगर निगम के पास पर्याप्त सीवर सफाई कर्मचारी मौजूद है, लेकिन बावजूद इसके निगम ने इन कर्मचारियों से काम लेने की बजाय निजी एजेंसियों को ऑपरेशन एंड मेंटिनेंस (ओएंडएम) का सौंपा जा रहा है.
बीते साल भी निगम ने सीवर सफाई और रखरखाव का काम निजी एजेंसियों को सौंपा था, जिसमें शहर के लोगों ने निगम अधिकारियों पर ठेकेदारों के साथ मिलीभगत करके गड़बड़ी के आरोप लगाए थे. निगम की इंजीनियरिंग विंग ने वार्ड अनुसार सीवर सफाई के लिए करीब दस करोड़ रुपये के टेंडर लगाए गए हैं.
रोजाना दर्ज हो रही 80 से ज्यादा शिकायतें नगर निगम की तरफ से शहर में सीवर सफाई व रखरखाव के लिए टेंडर लगाए जा रहे हैं. बावजूद इसके शहर में सीवर की समस्याएं कम होने की बजाए आए दिन बढ़ रही है. पहले जहां शहर में रोजाना सीवर से संबधित 50 से 60 शिकायतें निगम में दर्ज होती थी अब वह शिकायतें 80 के पार पहुंच रही है. निगम अधिकारियों की तरफ से इन शिकायतों का तय समय पर समाधान नहीं किया जा रहा है. जिस कारण लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
350 सीवर सफाई के कर्मचारी है मौजूद नगर निगम के पास सीवर सफाई के लिए 350 कर्मचारी मौजूद है. आरोप है कि निगम अधिकारी इन कर्मचारियों को सीवर सफाई के लिए कहीं पर भी शामिल नहीं कर रहे हैं. सीवर सफाई कर्मचारी शहर में सीवर की समस्याओं को दूर करते हैं, लेकिन उसके बिलों का भुगतान ठेकेदार को किया जाता है. सीवर कर्मचारियों को निगम की तरफ से अभी तक सुरक्षा उपकरण तक उपलब्ध नहीं करवाए गए हैं.
बीते साल लगाए गए टेंडरों में मिली है भारी अनियमितता नगर निगम की तरफ से बीते साल भी सीवर सफाई व मरम्मत को लेकर करोड़ों रुपयों के टेंडर लगाए गए थे. निगम अधिकारियों ने मिलीभगत करके ऐसे ठेकेदारों को यह काम दे दिया, जिनके पास सीवर सफाई की मशीन तक मौजूद नहीं थी.
सिर्फ कागजों तक टेंडर सीमित:
आरोप है कि सीवर सफाई के टेंडर में सीवर को साफ करने से पहले उसके अंदर सीसीटीवी की फुटैज लेनी होती है, उसके बाद जब सीवर की सफाई हो जाती है उसके बाद दोबारा से समय और तारीख के साथ फुटैज लेनी होती है, लेकिन यहां निगम में अंधा कानून चल रहा है. अभी तक के सीवर सफाई के बिलों की अगर जांच की जाए तो बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है.
सीवर सफाई के टेंडरों में इस बार सिर्फ बड़ी मशीनों पर ही कर्मचारी लिए गए हैं. छोटी मशीनों पर निगम के कर्मचारी रहेंगे. जोन अनुसार 12 सुपर सकर, 16 जेडिंट, 16 ट्रैक्टर माउटेंड मशीनों को सफाई के लिए लगाया जा रहा है.
-राधे श्याम, मुख्य अभियंता, नगर निगम, गुरुग्राम