गुडगाँव: शहर की सोसाइटियों में दूसरे चरण का स्ट्रक्चरल ऑडिट शुरू होगा. ऑडिट की जानकारी 15 सोसाइटियों के आरडब्ल्यूए को नहीं दी गई है. इसमें पार्क सेरेन, ग्लोबल हाइटस, सेलेरा सोसाइटी समेत अन्य सोसाइटी शामिल हैं. वहीं आरडब्ल्यूए ने डीटीपी और उपायुक्त कार्यालय से सोसाइटियों के ऑडिट शुरू करने की जानकारी मांगी है. सोसाइटी के लोगों ने स्ट्रक्चरल ऑडिट में देरी को लेकर नाराजगी जताई है. आरोप लगाया कि बिना सूचना के ऑडिट कराया जाएगा, इसकी जानकारी प्रशासन से नहीं मिली, बिल्डरों की ओर से से ऑडिट करने की बात कही जा रही है.
ऑडिट के दूसरे चरण में देरी डीएलएफ पार्क प्लेस सोसाइटी के वीरेंद्र कपूर ने कहा कि सोसाइटी का निर्माण अप्रैल 2012 में पूरी हो गई थी. इसके बाद हैंडओवर करना शुरू कर दिया गया था. अब कब्जे के 11 साल हो गए हैं. शुरुआत से ही एक्सपेंशन ज्वाइंट बुरी तरह से लीक हो रहे हैं, जिससे कंक्रीट की गुणवत्ता प्रभावित हुई है. इससे पिलर के जोड़ों में दरार पड़ रही है और स्टील खराब हो रहा है. छत की वॉटरप्रूफिंग की तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है. देरी के कारण 1508 फ्लैटों वाली इस ऊंची 30 मंजिला इमारत की संरचनात्मक प्रभावित हो रही है. ऑडिट के दूसरे चरण में भी देरी की जा रही है. इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है.
दूसरे चरण का ऑडिट शुरू करने की जानकारी दी जाएगी. बिल्डरों की ओर से कुछ जानकारी मांगी है. इसके आते ही सोसाइटी के लोगों को भेजी जाएगी.
-मनीष यादव, डीटीपी प्रवर्तन गुरुग्राम
सेक्टर-37 डी के पार्क सेरेन सोसाइटी के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष ग्रुप कैप्टन संदीप शर्मा ने कहा कि दूसरे चरण के ऑडिट को लेकर सालभर पहले डीसी कार्यालय में बैठक हुई थी, जहां यह निर्णय लिया गया था कि डीसी और डीटीपी एक तकनीकी टीम बनाएंगे, जो टावरों के निरीक्षण के लिए सोसाइटियों का दौरा करेगी. इसके बाद संरचना ऑडिट करने की आवश्यकता पर निर्णय लेगी. अब बिल्डर द्वारा पार्क सेरेन की आरडब्ल्यूए को बिना कोई सूचना दिए टावरों और बेसमेंट पिलर का सैंपल ले लिया है. उन्होंने कहा कि क्या डीसी गुरुग्राम को इस गतिविधि की जानकारी है. सैंपल लेने से पहले निरीक्षण टीम को सोसाइटी का दौरा करना था. यह समझ में नहीं आता कि बिल्डर, डीसी या डीटीपी आरडब्ल्यूए की जानकारी के बिना सैंपल कैसे ले सकता है. डीसी से मांग की है कि स्ट्रक्चर ऑडिट से संबंधित जानकारी आरडब्ल्यूए के साथ पारदर्शी तरीके से साझा करें. यदि पारदर्शिता नहीं रखी गई तो यह सारी कवायद दिखावा प्रतीत होती है.