चंडीगढ़ न्यूज़: शहर के प्रमुख मार्गों में से एक बाइपास पर रात को चलना खतरों से भरा है. डिवाइडरों पर जगह-जगह इश्तेहार चस्पा दिए गए हैं. इससे वाहन चालकों पर डिवाइडर पर चस्पाए रिफ्लेक्टर नहीं दिखते. इससे हादसे की आशंका बढ़ रही है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस इश्तेहार चस्पाने वालों पर कार्रवाई नहीं कर रही है.
शहर की अंदरूनी सड़कों से वाहनों की तादाद को कम करने के लिए बाइपास रोड का निर्माण सालों पहले किया गया था. यह मार्ग बल्लभगढ़ से बदरपुर बार्डर के बीच 20 से 22 किलोमीटर के करीब है. एक समय था जब इस मार्ग को दिल्ली-आगरा हाईवे से भी सुंदर और यातायात को लेकर सुरक्षित सड़क माना जाता था. ज्यादातर वाहन चालक इसी मार्ग से दिल्ली-बल्लभगढ़ की ओर आवागमन करते थे. लेकिन मौजूदा समय में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य के चलते बाइपास से स्ट्रीट व ट्रैफिक लाइट्स हटा लिए गए हैं. यहां तक कि हाईवे निर्माण के चलते जगह-जगह डायवर्जन निकाला गया है. अधिकांश डायवर्जन एक ही लेन में दोनों ओर से वाहनों का आवागमन हो रहा है. हादसों को रोकने के लिए बीच में डिवाइडर की व्यवस्था जरूर की गई है. लेकिन उसपर भी कंपनी, शिक्षण संस्था द्वारा अपने विज्ञापन का इश्तेहार चस्पाया गया है. इससे डिवाइडर पर लगे रिफलेक्टर टेप रात को वाहन चालकों को नहीं दिखते. ऐसे में हादसे की आशंका बढ़ रही है.
शाम होते ही हाईवे पर अंधेरा छा जाता है
दिल्ली-आगरा हाईवे पर भी जगह-जगह लोगों को शाम होते ही अंधेरे का सामना करना पड़ता है. रात को हाईवे स्थित मुजेसर मोड़ से गुडियर मोड़ तक लोगों को अंधेरे में ही आवागमन करना पड़ा. इसके अलावा एनएचपीसी, मेवला महराजपुर में भी लोगों को अक्सर लोगों को अंधेरे का सामना करना पड़ता है.
इन सड़कों पर लाइट की व्यवस्था नहीं
शहर के मुख्य मार्ग गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड, आगरा नहर रोड, हार्डवेयर रोड आदि पर भी स्ट्रीट लाइट्स की व्यवस्था नहीं है. यहां शाम होते ही अंधेरा छा जाता है.
इस साल हुए हादसे
महीना हादसे घायल मौत
जनवरी 50 46 22
फरवरी 56 42 22
मार्च 54 43 26
अप्रैल 20 09 05
बीते दो सालों में दुर्घटना
साल हादसे घायल मौत
2021 505 423 211
2022 589 452 253
2023 180 136 79
नोट- अप्रैल के आंकड़े अब तक के हैं.
इन सड़कों पर गई जान
हाईवे मौत
गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड 07
बल्लभगढ़-सोहना रोड 05
धौंज रोड 03
सिकरी मोड़ 03
पल्ला-इस्माईलपुर रोड 01