रेवाड़ी: उपमंडल में कई ऐसे राशन डिपो हैं जो रजिस्टर्ड तो किसी और के नाम पर हैं लेकिन चलाते कोई और हैं। इतना ही नहीं क्षेत्र में महिला के नाम पर डिपो है, उसका वितरण कोई और कर रहा है। नियमानुसार राशन डिपो का आवंटन बेरोजगार लोगों के नाम पर किया जाना चाहिए, लेकिन कई राशन डिपो बड़े पैमाने पर व्यवसायियों द्वारा चलाए जा रहे हैं।
राशन डिपो लेने वाले की शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास होनी चाहिए। नियमों के मुताबिक राशन डिपो बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए होते हैं, लेकिन जिनको डिपो आवंटित किए गए हैं वे बेरोजगार नहीं हैं, बल्कि उनमें से कुछ बड़े कारोबार चला रहे हैं। कई डिपो धारकों का अपना व्यवसाय है। इसी प्रकार, कई डिपो धारक अधिक उम्र के हैं और उनके डिपो का संचालन कोई और कर रहा है।
कुछ राशन डिपो होल्डर हैं जो Government departments में काम करते हैं। जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अशोक रावत ने कहा कि उन्हें ऐसे मामले की जानकारी नहीं है। अगर डिपो किसी और के नाम पर चल रहा है और उसे कोई और चला रहा है तो यह बिल्कुल गलत है। दोहरे लाइसेंस की जांच की जायेगी. दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।