रेवाड़ी न्यूज़: स्मार्ट सिटी में बढ़ते जल संकट के बीच एक अच्छी खबर है. केंद्र सरकार के सहयोग से लगाए गए दो रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से पिछले वर्ष मानसून में करीब 60 एमएलडी पानी का संचय हुआ है.
फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड और मानव रचना यूनिवर्सिटी की संयुक्त रूप से जारी की गई प्रोजेक्ट रिपोर्ट में रेनवाटर हार्वेस्टिंग की जानकारी सामने आई है. इसके आधार पर अब दो नए रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया गया है. इसके लिए मानसून में होने वाले जलभराव वाले स्थानों की पहचान की जानी बाकी है.
सेक्टर-15, 16 में हुआ जलभराव खत्म मानसून के दौरान सेक्टर-15 में हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दफ्तर और सेक्टर-16 में सिविल लाइंस के आसपास बारिश का पानी भरने से काफी जलभराव होता था. स्मार्ट सिटी और मानव रचना के संयुक्त रेनवाटर हार्वेस्टिंग लगाने के बाद यहां अब जलभराव नहीं होता है. पिछले वर्ष मानसून के बाद तैयार की गई रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.
ऐसे हुआ जल संचयन: मानव रचना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एवम रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट के प्रभारी वैज्ञानिक एम मुखर्जी ने बताया कि फरीदाबाद में औसतन 600 मिलीमीटर सालाना बारिश होती है. जिस इलाके में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे हैं, वहां रोजाना औसतन 2000 क्यूबिक मीटर बारिश का आंकड़ा लिया गया. एक क्यूबिक मीटर में एक हजार लीटर पानी होता है. तीस दिन में बारिश का करीब 60 एमएलडी पानी एकत्रित हुआ जो रेनवाटर हार्वेस्टिंग के जरिये भूजल के रूप में संचय किया गया. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार को यह रिपोर्ट भेज दी गई है.