पुन्हाना के निजी अस्पताल पर छापे, अयोग्य कर्मचारी प्रसव कराते मिले
रेवाड़ी न्यूज़: जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुन्हाना में एक निजी अस्पताल में छापा मारा. यहां अयोग्य स्टाफ गर्भवतियों की डिलीवरी करवाते मिले. मशीनों में जंग लगी थी. छापे के दौरान अस्पताल में अफरातफरी का माहौल रहा. पुलिस ने मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है.
स्वास्थ्य विभाग के रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर (आरएमओ) डॉ. योगेन्द्र ने बताया कि एक व्यक्ति ने अस्पताल में बरती जा रही लापरवाही के खिलाफ सीएम विंडो पर शिकायत की थी. सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल की जांच की योजना बनाई. टीम दोपहर बाद अस्पताल पर छापेमारी कर जांच पड़ताल की तो वहां काफी अनियमितताएं पाई र्गइं. अस्पताल को एक एएनएम नर्स चला रही थी. वहीं गर्भवतियों का इलाज के साथ दवाइयां आदि दे रही थीं. साथ ही डिलीवरी भी कराती थी. आरएमओ डॉ. योगेन्द्र के अनुसार वहां कार्यरत एक एमबीबीएस डॉक्टर ने पूछताछ में बताया कि वह अस्पताल में मरीजों को देखने कभी-कभार आते हैं. साथ ही उनके द्वारा गर्भवतियों का इलाज व डिलीवरी नहीं कराई जाती है. जांच में पता चला अयोग्य कर्मचारी डिलीवरी करवाते हैं. डॉ. योगेन्द्र के अनुसार अस्पताल संचालक ने अस्पताल व डिग्री संबंधित दस्तावेज दिए हैं, उसकी जांच की जा रही है. सभी कागजात जिला स्वास्थ्य मुख्यालय भेजे गए हैं. सभी कागजातों की जांच की जा रही और यह जानकारी जुटाई जा रही है कि ये फर्जी हैं या सही है. बताया गया कि चार साल पहले भी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाइ हुई थी.
यह मिली खामियां: डॉ. योगेन्द्र ने बताया कि मौके से डिलीवरी के दौरान उपयोग की जाने वाली एक मशीन मिली, जिसमें कई जगह-जंग लगे थे. अस्पताल प्रबंधन की ओर से यह लापरवाही बरती जा रही थी. ऐसे में आशंका रहती है कि जंग लगी मशीन के उपयोग से जच्चा-बच्चा को नुकसान हो सकता है. उन्हें इंफेक्शन हो सकता है. विभाग अब मशीन के उपयोग किए जाने के समय की जांच कर रही है.
रिकॉर्ड नहीं रखा जा रहा था: स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अस्पताल करीब आठ साल से चल रहा था. ऐसे में सूत्रों ने बताया कि वहां पांच हजार से अधिक डिलीवरी कराई गई होंगी. जांच में सामने आया है कि अस्पताल की ओर से डिलीवरी कराने वाली गर्भवतियों का रिकार्ड नहीं रखा जा रहा था. पुलिस जांच कर रही है.
टीकाकरण में भी लापरवाही:
अस्पताल में भर्ती प्रसूता और नवजात का टीकाकरण नहीं होता था. जो काफी जरूरी है. इससे जच्चा-बच्चा दोनों के जान को खतरा हो सकता है. बताया गया कि छापेमारी के दौरान अस्पताल में तीन गर्भवती मिलीं, जिसमें से एक महिला की डिलीवरी कराई गई थी, दो भर्ती थीं. जांच में सामने आया कि उनका टीकाकरण नहीं किया गया. अस्पताल को एनएम नर्स चला रही थी.
साफ-सफाई की भी व्यवस्था नहीं:
डॉ.योगेन्द्र के अनुसार अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट रखने की व्यवस्था नहीं थी. हालांकि अस्पताल की ओर से बायोमेडिकल वेस्ट के लिए संबंघित एजेंसी से अनुबंध किया था, लेकिन वेस्ट को समुचित और सुरक्षित तरीके से नहीं रखा जा रहा था. मरीज और गर्भवतियों में इंफेक्शन फैलने का डर रहता है.