रेवाड़ी न्यूज़: दिल्ली-आगरा हाईवे पर जलभराव की समस्या से निपटने के लिए एनएचएआई(नेशनल हाईवे अथोरिटी ऑफ इंडिया) ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम(जल संचय प्रणाली) की संख्या में बढ़ोतरी कर दी है. इस साल इनकी संख्या 17 से बढ़कर 27 हो गई है.
इससे न केवल जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी, बल्कि बारिश के पानी के संचय कर जलस्तर बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. अब यहां साढ़े चार लाख लीटर पानी के बजाय करीब आठ लाख लीटर पानी का संचय हो सकेगा. दिल्ली-आगरा हाईवे-19 पर बरसात के दौरान जलभराव होने से ट्रैफिक रेंगने लगता है. कई बार हालात इतने खराब होते हैं कि हाईवे की सर्विस सड़क पर एक किलोमीटर से भी लंबा जाम लग जाता है.
अजरौंदा चौक, ओल्ड फरीदाबाद, बड़खल फ्लाईओवर के नजदीक, बाटा मोड़, वाईएमसीए चौक, मुजेसर कट, गुडईयर मोड़, बल्लभगढ़ बस अड्डा, सोहना मोड़, एल्सन चौक, झाड़सेंतली अंडरपास, जाजरू मोड़, सीकरी आदि ऐसे स्थान हैं, जहां जलभराव की वजह से हाईवे की रफ्तार थमती है.
इससे निपटने के लिए एनएचएआई ने गत वर्ष हाईवे की सर्विस रोड किनारे 17 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बना दिए थे. इस वर्ष रेन वाटर हार्वेस्टिंग की संख्या में बढ़ोतरी कर 10 नए रेन वाटर हार्वेसिस्टम बना दिए. इससे उम्मीद है कि बारिश के बाद हाईवे पर जलभराव तो होगा, लेकिन बारिश बंद होने के दो से तीन घंटे में काफी हद तक पानी निकल जाएगा. हाईवे के रखरखाव के लिए अधिकृत क्यूब हाईवे कंपनी के प्रबंधक रचित कौशिक ने बताया कि बरसात में जलभराव से निपटने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की संख्या बढ़ाई जा रही है. गत वर्ष 17 रेन वाटर हार्वेस्टिंग से साढ़े चार लाख लीटर से ज्यादा पानी का संचय हुआ था. इस साल 10 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की संख्या बढ़ गई है. अब बारिश के मौसम में आठ लाख लीटर पानी का संचय हो सकेगा.
मुजेसर कट पर सीवर का पानी भरा
मुजेसर कट पर भी सीवर के पानी के जमा होने की समस्या है. नगर निगम की लापरवाही से यहां आए दिन सीवर का पानी इकट्ठा होता रहता है. इस कारण एनएचएआई यहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बना पा रहा है. यहां सीवर लाइन के साथ-साथ गैस पाइप लाइन भी गुजर रही है. इस कारण भी एनएचएआई यहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बना पा रहा है.
झाड़सेंतली का प्रणाली नहीं हो पाई शुरू
झाड़सेंतली व्हीकल अंडरपास के पास रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया गया है. लेकिन यहां पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बंद रखा गया है. इसकी वजह यहां पर सीवर के पानी का जमा होना है. नगर निगम की ओर से सीवर के पानी को रोकने का इंतजाम नहीं किया गया है. यदि यहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को चालू कर दिया गया तो सीवर का पानी भूजल के अंदर पहुंच जाएगा. इससे भूजल खराब हो जाएगा.