फरीदाबाद: हरियाणा सरकार ने वर्ष 2011 में जिला गुरुग्राम की तहसील मानेसर के गांव कासन, कुकरोला और सहरावन में आईएमटी मानेसर के विस्तार के लिए अधिग्रहित जमीन के मामले के समाधान के लिए नो-लिटिगेशन पॉलिसी-2023 बनाई. चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नो-लिटिगेशन पॉलिसी-2023 पोर्टल का शुभारंभ किया.
इसका उद्देश्य उन भूमि मालिकों को लाभ प्रदान करना है जिनका नाम जिला गुरुग्राम की तहसील मानेसर के गांव कासन, कुकरोला और सहरावन की राजस्व संपदा में है. अवार्ड संख्या 1, 2 और 3 दिनांक 16 अगस्त, 2022 द्वारा घोषित अवार्ड की तिथि पर उनकी भूमि रिकॉर्ड में दर्ज है. इस अवसर पर खनन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता उपस्थित थे.
मुआवजा राशि के अतिरिक्त भूमि मालिकों को मिला लाभ मनोहर लाल ने भू मालिकों को मुआवजा राशि के अतिरिक्त दिये जाने वाले लाभों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अधिग्रहीत प्रत्येक एक एकड़ भूमि के लिए 1,000 वर्ग मीटर के आनुपातिक आधार पर विकसित आवासीय या विकसित औद्योगिक भूखंड आवंटित किया जाएगा.
आवंटन की दर पहली फ्लोटेशन के समय निर्धारित आरक्षित मूल्य के बराबर होगी. आवंटित किये जाने वाले विकसित आवासीय प्लॉट का मानक आकार 100 और 150 वर्गमीटर है. इसी प्रकार विकसित औद्योगिक भूखंडों का मानक आकार 450 वर्गमीटर है.
ग्रामीण नहीं देगे चुनौती
मुख्यमंत्री ने बताया कि भू-मालिक इस पोर्टल पर आवेदन करके इस नीति का लाभ उठा सकते हैं. इस नीति में शर्त यह है कि भूस्वामी 16 अगस्त 2022 को घोषित अवार्ड के अनुसार मुआवजा स्वीकार करने के बाद अपनी भूमि के अधिग्रहण को चुनौती नहीं देंगे, और इन अवार्ड्स में घोषित मुआवजा राशि में वृद्धि की मांग नहीं करेंगे. किसी भी अदालत में चल रहे इस भूमि से संबधिंत सभी मामले वापस ले लेंगे. उन्होंने बताया कि इस भूमि के अधिग्रहण की अधिसूचना भूमि अधिनियम 1894 की धारा 4 के तहत 10 जनवरी, 2011 को अधिसूचित की गई थी