फरीदाबाद न्यूज़: स्मार्ट सिटी की सड़कों और गलियों में सीवर के खुले मैनहोल मानसून में जानलेवा साबित हो सकते हैं. इन दिनों नगर निगम के स्थानीय कार्यालयों और फरीदाबाद 311 ऐप पर करीब 300 से अधिक शिकायतें ढक्कन बदलने के लिए लंबित हैं. इनमें से अधिकांश के टूटने की शिकायतें हैं.
जगह-जगह खुले पड़े मैनहोल से हादसों का खतरा बना रहता है. लोग बामुश्किल इन खतरों से बचते हुए जीने को मजबूर हैं. लेकिन बारिश में जलभराव के दौरान खुले मैनहोल के अधिक खतरनाक और जानलेवा साबित होने की आशंका है.
खुले मैनहोल में आए दिन गिरकर बेसहारा पशुओं और बच्चे चोटिल हो रहे हैं. एक दिन पहले ही खोद गए गडढे के कारण खुले मैनहोल में एक बच्चे की गिरकर मौत हो गई. खुले मैनहोल में गिरकर बीते एक वर्ष में 11 लोगो की मौत हुई है.
स्मार्ट सिटी में 80हजार से अधिक मैनहोल नगर निगम क्षेत्र में 80 हजार से अधिक सीवर के मैनहोल हैं. करीब 1300 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन है. कई इलाकों में सीवर लाइन करीब 12 फुट गहरी है. नगर निगम सूत्रों के मुताबिक आर्थिक तंगी के कारण निविदांए कोई कंपनी लेती नहीं है, कई बार ढक्कनों के लिए निविदाए जारी हो चुकी हैं. खुले बाजार में 2000 से 2400 रुपये की कीमत में एक ढक्कन मिलता है. जबकि नगर निगम में इसकी कीमत 1200 रुपये तय है. नालों पर अतिक्रमण की वजह से पानी निकासी का विकल्प सीवर लाइन है. बरसात में नालों के बजाए बारिश का पानी सीवर लाइन में जाता है. ऐसे में सीवर भर जाता है और इसके कारण कई इलाकों में लोगों के घरों के सामने सीवर का पानी भरा रहता है.
लोगों ने लगाए ढक्कन
कुछ इलाकों में स्थानीय लोगों ने खुले मैनहॉल को खुद ही पत्थरों से बंद कर दिया या फिर बाजार से ढक्कन खरीद कर लगा लिए. न्यू जनता कॉलोनी निवासी रोशनलाल ने बताया कि कॉलोनी में कई ढक्कन टूटे हुए हैं. जब बदले नहीं जाते तो स्वयं ही बंद कर देते हैं. डबुआ कॉलोनी निवासी नरेश ने बताया कि भारी यातायात के कारण ढक्कन टूट जाते हैं. नगर निगम जल्दी से ढक्कन बदलता नहीं है.
कई बार निगम दंडित
हरियाणा मानवाधिकार आयोग नगर निगम को कई मामलों में दंडित कर चुका है. आयोग ने एक मामले में निगम पर करीब 10 लाख रुपये जुर्माना लगाया था. यह मामला भी खुले मैनहोल का था. वर्ष 2018 में पल्ला इलाके में एक खुले मैनहोल में एक महिला गिर गई थी, उसे बचाने के लिए एक व्यक्ति मैनहोल में उतर गया, लेकिन दोनों की मौत हो गई. निगम किसी भी घटना से कोई सबक लेने को तैयार नहीं.
वार्ड स्तर पर ही जेई को निर्देश दिए हैं कि तुरंत ही मैनहोल के ढक्कन को बदल दिया जाए. अगर मैनहोल ढक्कन के कारण कोई हादसा होता है तो संबंधित जेई के खिलाफ कार्रवाई होगी.
-ओमवीर सिंह, अधीक्षक अभियंता, नगर निगम