रेवाड़ी न्यूज़: वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त अभियान के तहत अधिकारी अब मरीजों को गोद लेंगे. जिला उपायुक्त ने कहा कि जिला के सरकारी विभागों के अधिकारी भी टीबी रोगियों को पोषण संबंधी सहायता देने के लिए गोद लेंगे.
वह कम से कम छह महीने से तीन साल तक के लिए उन्हें पोषण आहार देंगे. बता दें कि हरियाणा सरकार ने निर्देश दिए हैं कि हरियाणा राज्य के सभी अधिकारी और कर्मचारी टीबी रोगियों को गोद लें और उन्हें पोषण संबंधी सहायता प्रदान करें. इस दौरान सरकारी अस्पताल में रजिस्टर्ड सभी टीबी मरीजों का डाटा उपलब्ध हो सकेगा. फरीदाबाद के पुराने रिकार्ड के अनुसार प्रदेश में सबसे अधिक टीबी मरीज फरीदाबाद में ही है.
जांच के लिए जिले में नौ यूनिट टीबी को कंट्रोल करने के लिए नौ टीबी यूनिट बनाई गई हैं. ये यूनिट बीके अस्पताल, बल्लभगढ़ अस्पताल, सेक्टर-30, खेड़ी, पल्ला, पाली, मोहना, तिगांव व डबुआ में चल रहे स्वास्थ्य केंद्रों पर बनाई गई हैं. इन केंद्रों पर एक सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर नियुक्त है. अलग-अलग 18 केंद्रों पर टीबी जांच का काम होता है. मुफ्त दवा देने के लिए 225 डॉट सेंटर बने हैं.
दुष्कर्म के दोषी को सात वर्ष की कैद
सेक्टर-12 में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हेमराज मित्तल की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक आरोपी को दोषी करार दिया. साथ ही अदालत ने दोषी को सात साल की सजा सुनाते हुए 20 हजार रुपये का जुर्माना लगया. पेश मामले के अनुसार यह मुकदमा 25 अप्रैल 2019 का है.
पीड़िता की शिकायत पर बल्लभगढ़ महिला थाना में मामला दर्ज किया था. पीड़िता ने ने शिकायत में बताया कि सुबह वह घर से टहलने निकली थी. रास्ते में गांव गढ़खेड़ा का सुरेंद्र उर्फ पूरण बाइक लेकर आया. वह उसे अपने साथ बाइक पर बिठाकर सुनसान जगह ले गया. वहां उसके साथ दुष्कर्म किया. विरोध करने पर मारपीट भी की थी.