हरियाणा

नूंह: ग्रामीणों ने की पर्यटक स्थल बनाने की मांग, कोटला झरना बना आकर्षण का केंद्र

Gulabi Jagat
18 July 2022 11:03 AM GMT
नूंह: ग्रामीणों ने की पर्यटक स्थल बनाने की मांग, कोटला झरना बना आकर्षण का केंद्र
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नूंह: अरावली पर्वत (काला पहाड़) के समीप कोटला गांव में आज भी बहता हुआ झरना सबको अपनी ओर आकर्षित कर रहा (Waterfall on the Aravalli Mountains) है. बरसात के दौरान इस झरने में पानी की रफ्तार अन्य दिनों के मुकाबले बढ़ जाती है, तो वहीं अरावली पर्वत की हरियाली की छटा भी निराली हो जाती है. इसे देखने के लिए इन दिनों लोग दूर-दराज इलाकों से कोटला गांव पहुंचते हैं. इतना ही नहीं गांव की महिला इसी झरने के पानी से न केवल कपड़े धोती हैं बल्कि पीने के पानी के रूप में भी झरने के पानी को इस्तेमाल किया जाता है.
सैंकड़ों फुट ऊंची चोटी से नीचे गिरते झरने के पानी का दृश्य बेहद ही दिल को सुकून देने वाला है. जिसे देखने के लिए लोगों का तांता लगा रहता है. इसी पानी से अरावली पर्वत में चरने वाले आवारा पशु, जीव जंतु व चरवाहों के पशु अपनी प्यास बुझाते (Villagers Demand to develop Kotla village) हैं. वहीं गांववासी इस कोटला झरने को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मांग कर रहे हैं. बरसात के दिनों में यह मांग और जोर पकड़ने लगती है.
कुल मिलाकर यह झरना प्राकृतिक सुंदरता को और बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा. इसके अलावा इस पहाड़ में अगर पर्यटक स्थल सरकार विकसित करती है तो न केवल सरकार को अच्छा खासा राजस्व होगा, बल्कि इस पहाड़ में मिलने वाली दुर्लभ जड़ी बूटियों का वजूद भी बचा (Kotla village In nuh haryana) रहेगा. धीरे - धीरे जीव जंतु व जड़ी बूटियां अरावली पर्वत से गायब होती जा रही हैं.
ऐसे में ग्रामीणों ने कोटला झरने को पर्यटक स्थल बनाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने बताया कि उनके गांव में पानी की किल्लत भी है, उन्हें खारे पानी की सप्लाई की जाती है जो पीने योग्य नहीं (Waterfall in Kotla village) होता. प्यास बुझाने के लिए 1500 रुपए प्रति टैंकर पानी का खरीद कर पीने को मजबूर है, लेकिन झरने का पानी पूरी तरह से मीठा व स्वादिष्ट है. आसपास के घर इसी झरने के पानी से अपनी प्यास बुझा कर हजारों रुपए प्रतिमाह बचा रहे हैं.


Source: etvbharat.com

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