हरियाणा

खुले में शौच मुक्त न होना स्वच्छता सर्वेक्षण में चुनौती

Admin Delhi 1
15 July 2023 7:23 AM GMT
खुले में शौच मुक्त न होना स्वच्छता सर्वेक्षण में चुनौती
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गुडगाँव न्यूज़: स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 शुरू हो चुका है. स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में स्वच्छता की परीक्षा इस वर्ष बीते वर्षो के मुकाबले बेहद कठिन मानी जा रही है. बीते आठ साल में स्वच्छता के नाम किए गए प्रयास काफी हद तक नाकाफी हैं. स्थिति जस की तस है.

केंद्र सरकार की सर्वेक्षण टीम फरीदाबाद में इसी महीने के अंत या अगस्त के पहले सप्ताह में आने की उम्मीद है. इसके मददेनजर नगर निगम आयुक्त ने संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं. स्वच्छता अभियान से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इस बार परीक्षा कठिन है, इसमें देश के सभी महानगर, शहर और कस्बों को शामिल किया गया है. इस बार परीक्षा भी 9500 अंकों की होगी. शहर में पसरी गंदगी और कूड़े का उचित निस्तारण नहीं होना रैंकिंग में फरीदाबाद को की स्थिति खराब होने की आशंका है. बीते वर्षो की सफाई रैकिंग को बरकरार रखना नगर निगम के लिए चुनौती होगा.

नगर निगम की उदासीनता और लापरवाही का आलम है कि फरीदाबाद शहर खुले में शौचमुक्त नहीं हुआ है. स्लम बस्तियों के लिए पर्याप्त शौचालय नहीं है. जहां शौचालय रखें गए हैं, वहां अधिकांशत में पानी की व्यवस्था नहीं है. प्याली चौक, नीलम चौक मैदान, बाइपास सड़क और अरावली आदि इलाकों की स्लम बस्तियों के लोग खुले में शौच जाते हैं.

बारिश बंद होते ही एक-दो दिन में स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी शुरू कर दी जाएगी. निगमायुक्त ने दिशा-निर्देश दिए है. सफाई अभियान वार्ड स्तर पर शुरू किया जाएगा.

-पदमभूषण, कार्यकारी अभियंता एवं नोडल अधिकारी, स्वच्छता सर्वेक्षण

जगह-जगह पसरा कूड़ा

स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में जगह-जगह कूड़ा पसरा है. कई इलाकों में छह-छह महीनों से सफाई नहीं हुई है. सड़कों सफाई नहीं होती है. फैले कूड़े को कोई उठाता नहीं है. नगर निगम ने सफाई मशीन से सफाई कराने की बात कही, लेकिन पर्याप्त मशीन नहीं होने के कारण सफाई नहीं होती है. वहीं इकोग्रीन कंपनी ने वर्ष 2017 दिसंबर में घर-घर से कूड़ा उठाने का काम शुरू किया था, लेकिन छह वर्ष बीतने के बाद भी कंपनी शहर के प्रत्येक घर से कूड़ा एकत्रित करने के लिए संसाधन नहीं जुटा सकी.

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