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हरियाणा में बोले बोले नितिन गडकरी- एनएच-44 की हालत देखकर निराशा हुई, 14 जून को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई

Renuka Sahu
3 Jun 2022 5:18 AM GMT
Nitin Gadkari said in Haryana - Disappointed to see the condition of NH-44, convened a high level meeting on June 14
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फाइल फोटो 

केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि एथेनॉल भविष्य का ईंधन है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि एथेनॉल भविष्य का ईंधन है। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण का मुख्य आधार है, बल्कि यह काफी सस्ता भी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ग्रीन हाइड्रोजन आवश्यकता बन चुकी है और वह खुद इसी गाड़ी का प्रयोग करते हैं। वह 100 फीसदी बायो एथेनॉल पर चलने वाली गाड़ी लाने के लिए प्रयासरत हैं।

उनका लक्ष्य है कि एथेनॉल अर्थव्यवस्था को पांच लाख करोड़ रुपये तक ले जाया जाए, जिसकी पूरी संभावनाएं मौजूद हैं। केंद्रीय मंत्री गुरुवार को हरियाणा के सोनीपत में राजीव गांधी एजुकेशन सिटी राई स्थित वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन (डब्ल्यूयूडी) के पहले दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वह दिल्ली से वाया रोड पहुंचे हैं और उन्हें कुंडली के पास नेशनल हाईवे (44) के हालत देखकर निराशा हुई। लोगों को इससे दिक्कत होती होगी, लेकिन निर्माण में देरी किसान आंदोलन के कारण हुई है। इसलिए वह उनकी तरफ से माफी मांगते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली से चंडीगढ़ तक के एनएच-44 को लेकर 14 जून को उच्च स्तरीय बैठक बुलवाई है।
जिसमें हाईवे को आधुनिक रूप देने के लिए अहम निर्णय लिया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एथेनॉल के प्रयोग को बढ़ावा देना उनकी पहली प्राथमिकता है। इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। इसके लिए फसल अवशेष (पराली) का प्रयोग किया जा सकता है। पराली को जलाकर प्रदूषण फैलाने के बजाय इसे उन औद्योगिक इकाइयों को बेचना चाहिए जो इससे बायो एथेनॉल बनाती हैं।
गडकरी ने कहा कि फूड, फर्टिलाइजर और फ्यूल ही आज के दौर की प्रमुख समस्याएं हैं, जिनकी तरफ संपूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था घूम रही है। नए विचारों के साथ इस दिशा में देश को मजबूत करने का प्रयास किया जाना चाहिए, जिसके लिए वह स्वयं आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कई-कई मंजिला इमारतें बन रही हैं उसी प्रकार फ्लाईओवर भी बनाए जा सकते हैं। पूना में इस प्रकार के प्रयासों को सफलता मिली है। उसके साथ सांसद रमेश कौशिक व विधायक निर्मल चौधरी के अलावा यूनिवर्सिटी के वीसी संजय गुप्ता मौजूद रहे।
एयरपोर्ट की तर्ज पर सी-पोर्ट व रिवर-पोर्ट बनाए जाएंगे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह यमुना की गंदगी को दूर करने के लिए विशेष रूप से प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 28 हजार करोड़ रुपये की लागत से 40 नदियों को शुद्ध करने के प्रयास किए गए हैं। सोनीपत से दिल्ली, मथुरा, आगरा, इटावा, प्रयागराज तथा इसके आगे भी नदी के सफर को सुगम बनाने की योजना है। इस दिशा में 70 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है। यमुना में प्लेन उतारने की योजना है, जहां से कहीं का भी सफर किया जा सकेगा। एयरपोर्ट की तर्ज पर सी-पोर्ट व रिवर-पोर्ट बनाए जाएंगे।
वेस्ट का प्रयोग जरूरी
नितिन गडकरी ने कहा कि वेस्ट से पैसा मिलता है। उन्होंने बताया कि वे अपने शहर में ऐसा कर चुके हैं। शौचालयों के गंदे पानी को बेचकर उन्हें 300 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। सोनीपत-पानीपत की औद्योगिक इकाइयों को भी पानी की बहुत आवश्यकता होती है। इस दिशा में यहां भी काम किया जा सकता है।
मथुरा में भी इस प्रकार का री साइक्लिंग प्रोजेक्ट कामयाब हुआ है। उन्होंने कहा कि बंबू (बास) से क्रैश बैरियर बनाए जा सकते हैं। एक एकड़ में करीब 200 टन बंबू तैयार होता है। बंबू से अचार व कपड़ा भी बनता है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा। उन्होंने इस प्रकार के कई अन्य उदाहरण भी दिए, जिसमें ग्लास फाइबर से बनने वाला स्टील प्रमुख रूप से शामिल रहा। वेस्ट सामान का प्रयोग कर उत्पादन की कीमत कम करते हुए गुणवत्ता में वृद्धि करें।
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