हरियाणा

नूंह में हिंदू महापंचायत की मांग पर मुस्लिम समुदाय विभाजित

Rani Sahu
14 Aug 2023 1:25 PM GMT
नूंह में हिंदू महापंचायत की मांग पर मुस्लिम समुदाय विभाजित
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गुरुग्राम (आईएएनएस)। हरियाणा के हिंसा प्रभावित नूंह क्षेत्र के मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदू महापंचायत की मांगों पर बंटे हुए हैं। हिंदू महापंचायत ने मुस्लिम बहुल नूंह को हरियाणा के अन्य जिलों में विलय करने की मांग की है। रविवार को कई दक्षिणपंथी संगठनों और ग्राम पंचायतों के नेतृत्व में हिंदू महापंचायत ने सरकार के सामने कई कठिन मांगें रखीं।
पलवल महापंचायत में हरियाणा की खापों, धार्मिक नेताओं और हिंदू निकायों ने मांग की है कि मुस्लिम बहुल नूंह जिले को हरियाणा के अन्य जिलों में मिला दिया जाना चाहिए। उन्होंने आत्मरक्षा के लिए नूंह में रहने वाले हिंदुओं के लिए हथियार लाइसेंस देने की भी मांग की।
हालांकि, नूंह में मुस्लिम निवासी विभाजित हैं और उन्होंने हिंदू महापंचायत की मांगों पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है।
नूंह में एक होटल के मालिक अब्दुल वहाब ने आईएएनएस से कहा, “सरकार को इन सांप्रदायिक मांगों को सिरे से खारिज कर देना चाहिए। ऐसी सांप्रदायिक चीजों के लिए हमारे देश में कोई जगह नहीं है।“
हालांकि, नूंह में किराना दुकान चलाने वाले नसीब सिंह ने कहा कि उनकी मांग पूरी तरह जायज है।
उन्होंने कहा, “ये मांगें पूरी तरह से उचित हैं। इन झड़पों से पहले भी हम अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद आशंकित थे। अगर सरकार इन मांगों को पूरा करने पर सहमत हो जाती है, तो हमारा जीवन आसान हो जाएगा।”
32 वर्षीय प्रवासी कामगार इमरान ने कहा कि पिछले हफ्ते जो कुछ हुआ उसके बाद वह कभी भी गुरुग्राम नहीं लौटेंगे।
उन्होंने कहा, "मैं हिंदुओं के बीच रहने के लिए कभी वापस नहीं आऊंगा।" इमरान अपने छोटे ट्रक में अपना सामान रख रहे थे। वह बिहार स्थित अपने गांव वापस जाने की तैयारी कर रहे थे।
वहीं, आलम हुसैन ने कहा, "हिंदुओं और मुसलमानों के बीच खोदी गई खाई अब पाटने वाली नहीं है।"
उन्‍होंने कहा, “मैंने मुसलमानों को इतना घबराया हुआ कभी नहीं देखा, जितना इस समय देख रहा हूं। मैं इस एहसास में रहता हूं कि हमारे साथ कभी भी कुछ बुरा हो सकता है।''
सबसे पहले 31 जुलाई को हरियाणा के नूंह में दो समुदायों के बीच झड़प हुई, जब भीड़ ने नलहर मंदिर के पास विश्‍व हिंदू परिषद (विहिप) के जुलूस पर हमला कर दिया। जुलूस में कई लोग हथियार लेकर आए हुए थे, जिस पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने सवाल उठाया था।
गुरुग्राम में भी हिंसा भड़की और राज्य के अन्य जिलों में फैल गई।
झड़प में दो होम गार्ड और एक मौलवी समेत छह लोगों की मौत हो गई, जबकि 88 लोग घायल हो गए।
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