हिसार न्यूज़: एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि भारत और उप सहारा अफ्रीका के अधिकांश लोगों में सिकल सेल बीमारी के खतरे को कम करने का खर्च वहन करने की क्षमता नहीं होती है. लांसेट हिमेटोलॉजी जर्नल में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है. इस अध्ययन से ठीक पहले इसी जर्नल में एक और अध्ययन प्रकाशित किया गया था, जिसमें कहा गया था कि सिकल सेल रोग का सर्वाधिक बोझ पश्चिम तथा मध्य उप सहारा अफ्रीका तथा भारत में है. अध्ययन के लेखकों ने यह भी कहा कि एसडीसी को लेकर स्वास्थ्य देखभाल तथा विशेषज्ञों की कमी है. इससे दुनियाभर में दो करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हैं. अध्ययन में पता चला है कि 2021 में एससीडी से दुनिया भर में3,76,000 लोगों की मौत की आशंका है, वहीं मौत के 34,400 मामलों में कारण स्पष्ट थे.
सरकार का हस्तक्षेप जरूरी: अध्ययन के अनुसार, सिकल सेल बीमारी के खतरे को कम करने का खर्च वहन करने की क्षमता भारत और उप सहारा अफ्रीका के अधिकतर लोगों के पास नहीं है,जबकि इन्हीं स्थानों पर यह बीमारी अधिक व्याप्त है. सरकारों को इन्हें सीधे वित्त पोषित करने और इस दिशा में जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता है.