चंडीगढ़ न्यूज़: देश के मेडिकल कॉलेजों में निकट भविष्य में एमबीबीएस के जैसी और भी डिग्रियां शुरू हो सकती हैं. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों से नई डिग्रियों को मान्यता सूची में शामिल करने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं. इस संबंध में आयोग ने नया मसौदा जारी किया है.
एनएमसी ने नए मसौदे के तहत कॉलेजों से कहा है कि अगर वह कोई ऐसी स्नातक और परास्नातक डिग्री कोर्स का संचालन कर रहे हैं, या करने के इच्छुक हैं तो संबंधित डिग्री की मान्यता के लिए आवेदन करें. मगर, कॉलेजों को यह सुनिश्चित करना होगा कि नई डिग्री आयोग की मान्यता सूची में पहले से शामिल न हो. बता दें कि स्नातक स्तर पर मेडिकल कॉलेज अभी सिर्फ एमबीबीएस डिग्री कोर्स चलाते हैं. जबकि, परास्नातक (पीजी) डिग्री कोर्स कई हैं. मगर, परास्नातक डिग्री चूंकि विशेषज्ञता वाली होती है, इसलिए इसमें कई और विषय शुरू करने की संभावना है. स्नातक स्तर पर नई डिग्री का मतलब है कि एमबीबीएस के समकक्ष कोई नया डिग्री कोर्स शुरू करना.
दरअसल, अमेरिका में एमबीबीएस डिग्री को एमडी कहा जाता है, जबकि यूके में एमबी कहा जाता है. इसलिए, देश के मेडिकल कॉलेजों को नई डिग्री शुरू करने का विकल्प दिया जा रहा है. स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों को नई डिग्री कोर्स शुरू करने की मंजूरी संबंधित बोर्ड की ओर से तय मानकों में खरा उतरने के बाद ही दी जाएगी. उन्होंने कहा, अभी यह कहना मुश्किल है कौन सी नई डिग्री शुरू होगी, लेकिन इस तरह का विकल्प अभी तक नहीं था. बतादें कि बड़े पैमाने पर विदेशी विश्वविद्यालय भी भारत में अपने परिसर खोलने की योजना बना रहे हैं और उस लिहाज से यह फैसला अहम है. पीजी और सुपर स्पेसियलिटी में सबसे ज्यादा नई डिग्रियों के मौके हैं, क्योंकि वहां विशेषज्ञता वाली डिग्रियों की ज्यादा जरूरत है.