हरियाणा

अपने गांव में आईएएस अधिकारी बनने वाली पहली महिला बनी ममता यादव, जानें UPSC टॉपर्स की सक्सेस स्टोरीज

Renuka Sahu
22 Oct 2021 6:06 AM GMT
अपने गांव में आईएएस अधिकारी बनने वाली पहली महिला बनी ममता यादव, जानें UPSC टॉपर्स की सक्सेस स्टोरीज
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फाइल फोटो 

संघ लोक सेवा आयोग ने पिछले महीने सिविल सेवा एग्जाम 2020 के रिजल्ट की घोषणा की थी, जिसमें हरियाणा की रहने वाली ममता यादव ने सफलता हासिल की.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने पिछले महीने सिविल सेवा एग्जाम 2020 (CSE Exam 2020) के रिजल्ट की घोषणा की थी, जिसमें हरियाणा की रहने वाली ममता यादव (Mamta Yadav) ने सफलता हासिल की. 24 साल की ममता यादव अपने पूरे गांव में आईएएस अधिकारी बनने वाली पहली महिला बन गईं.

लगातार दूसरी बार पास की यूपीएससी परीक्षा
यूपीएससी एग्जाम (UPSC Exam) में ऑल इंडिया 5वीं रैंक हासिल करना ममता यादव (Mamta Yadav) के लिए बेहद खास है, क्योंकि उन्होंने पिछले साल भी इस परीक्षा में हिस्सा लिया था और ऑल इंडिया में 556वीं रैंक हासिल की थी. चयनित होने के बाद उन्होंने भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा के लिए ट्रेनिंग शुरू की, लेकिन इससे संतुष्ट नहीं हुईं. इसलिए उन्होंने फिर से कोशिश की और इस बार ऑल इंडिया में 5वीं रैंक हासिल कर आईएएस अफसर बनने में सफल रहीं.
ऐसे की यूपीएससी एग्जाम की तैयारी
12वीं के बाद ममता यादव (Mamta Yadav) ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और कॉलेज खत्म होने के तुरंत बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. ममता ने कोचिंग के साथ सेल्फ स्टडी की और उनकी यह रणनीति कारगर रही. ममता ने यूपीएससी एग्जाम (UPSC Exam) की तैयारी के लिए एनसीईआरटी और अन्य स्टैंडर्ड किताबों का सहारा लिया.
मां हाउस वाइफ, पिता करते हैं प्राइवेट जॉब
हरियाणा के गुरुग्राम के बसई गांव की रहने वाली ममता यादव (Mamta Yadav) के पिता अशोक यादव एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं, जबकि उनकी मां सरोज यादव हाउस वाइफ हैं. ममता अपने गांव की पहली ऐसी महिला हैं, जिन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा पास की है. यूपीएससी एग्जाम में 5वीं रैंक हासिल करने के बाद ममता अपने गांव में सभी लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं.
माता-पिता को नहीं हुआ यकीन
ममता यादव (Mamta Yadav) की मां सरोज ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनकी बेटी इतनी आगे जाएगी. बेटी की सफलता का श्रेय उनके पिता ने ममता की मां को दिया. गौरवान्वित पिता ने कहा कि ममता ने गर्व से सिर उठाया है. खास बात यह है कि वह अपने गांव की पहली लड़की है, जिसने पढ़ाई की और यूपीएससी में सफलता हासिल की.


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