फर्जीवाड़ा कर रजिस्ट्री मामले में राजस्व रिकॉर्ड की जांच शुरू
फरीदाबाद: जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर ठगी का मामला सामने आने के बाद राजस्व विभाग ने चार जिलों में राजस्व रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी है. जांच के बाद रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने को लेकर भी प्रबंध किए जांएगे. फर्जीवाड़ा करने वाला यह गिरोह चार जिलों में सक्रिय है. दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे के साथ लगती जमीन की रजिस्ट्री की जांच की जाएगी.
यह गिरोह फर्जीवाड़ा करने के लिए राजस्व विभाग के रिकॉर्ड कीपरों से लेकर आर्थिक अपराध जांच शाखाओं के पुलिसकर्मियों और अधिकारियों तक साठगांठ रखता है. गिरोह की पहुंच का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक साल पहले दी गई शिकायत पर 14 सितंबर को धौज थाने में मुकदमा दर्ज हो सका. धौज थाने में दर्ज हुए मामले में 13 लोगों को नामजद किया गया है.
इसमें पुलिस सब-इंस्पेक्टर से लेकर पटवारी तक शामिल हैं. इस मामले में लुधियाना निवासी फर्जी नारायण दास, वीरभान, अमन गोयल, ज्योति मेहता, बड़खल निवासी ईस्लामुद्दीन उर्फ पप्पू, इस्लाम पटवारी, इस्लाम पटवारी के बेटे सोहेल खान, इमरान खान, फतेहपुर तगा निवासी शमीम, अनीस, सेक्टर-37 निवासी यशपाल गेरा, पलवल जिला के मलाई गांव निवासी कासम चौधरी, हथीन के अंतर्गत धीरणकी गांव निवासी पुलिस सब-इंस्पेक्टर अयूब खान भी शामिल है.
धौज थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन आरोपियों की पुलिस विभाग में गहरी पैठ होने के कारण शिकायतकर्ता को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होने को लेकर आशंका बनी हुई है. पीड़ित को मुकदमा दर्ज करवाने के लिए आर्थिक अपराध जांच शाखा से लेकर अधिकारियों के लगातार चक्कर लगाने पड़े. पुलिस विभाग में फेरबदल होने के बाद डीजीपी के पद पर आईपीएस शत्रुजीत कपूर की नियुक्ति होने और पुलिस आयुक्त पद पर राकेश कुमार आर्य के आने के बाद पुलिस विभाग में सक्रियता आई है. नूंह में भी इस गिरोह के खिलाफ शिकायत दी जा चुकी है.